नई दिल्ली। शांति बहाल करने के लिए लगातार हो रही बातचीत के बावजूद चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने मानसरोवर झील के पास मिसाइल सिस्टम लगाने का काम शुरू किया है। चीन सरफेस टू एयर मिसाइल तैनात करने के लिए साइट का निर्माण कर रहा है। कुछ सैटेलाइट तस्वीरें भी सामने आई हैं।
ओपन सोर्स इंटेलिजेंस Detresfa ने ये सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं। तस्वीरों में लिपुलेख पास में ट्राई-जंक्शन एरिया में चीन की एक्टिविटी दिखाई दे रही है। इसके अलावा सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल के लिए साइट का निर्माण मानसरोवर झील के पास चल रहा है।
Indian media reports suggest #China has been actively deploying troops near the #India–#China–#Nepal tri-junction border area, an initial investigation reveals additional infrastructural upgrades ongoing in the area supporting the claims #IndiaChinaStandoff pic.twitter.com/Nr0wXiL99X
— Damien Symon (@detresfa_) August 20, 2020
एलएसी पर चीन की तरफ से बढ़ाई गई गतिविधियों के मद्देनजर भारत ने भी अपनी तैयारियों को मजबूत किया है। इसके तहत फॉरवर्ड एयरबेस पर सुखोई-30 एमकेआई, मिग -29 और मिराज-2000 के बेड़े को तैनात किया है ताकि किसी भी दुस्साहस का जवाब दिया जा सके।
चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारतीय एजेंसियों की नजर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की वायुसेना की हरकतों पर हैं। हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए भारत की सेना तैयार है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि शिंजियांग और तिब्बत रीजन में वे होतान, गर गुंसा, काशघर, हॉपिंग, कोंका झांग, लिंझी और पंगत एयरबेस पर नजदीकी से नजर बनाए हुए हैं। पिछले कुछ समय से ये एयरबेस बहुत ज्यादा सक्रिय हैं।
सूत्रों के मुताबिक, चीनी वायुसेना ने हाल के दिनों में कई बेस को अपग्रेड किया है। इसमें मजबूत शेल्टर का निर्माण, रनवे की लंबाई का विस्तार और अधिक संचालन करने के लिए अतिरिक्त मैनपावर की तैनाती जैसी गतिविधियां शामिल हैं। इसके साथ ही सूत्रों ने ये भी बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों के सामने लिंझी एयरबेस मुख्य रूप से एक हेलिकॉप्टर बेस है। चीन ने उन क्षेत्रों में अपनी निगरानी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए वहां हेलिपैड का एक नेटवर्क भी बनाया है। इसके साथ ही लद्दाख सेक्टर के सामने उसने अपने लड़ाकू विमानों को तैनात किया है, जिनमें सुखोई-30 के चाइनीज वर्जन और स्वदेशी जे-सीरीज़ के फाइटर भी शामिल हैं। इन सभी पर सेटेलाइट्स और दूसरे माध्यमों के जरिए भारतीय एजेंसियों की नजर है।
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