नई दिल्ली । चीन (China) की घटती आबादी (dwindling population) चिंता का विषय बनी हुई है। हाल ही में चीन के अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि चीन का जनसंख्या संकट (population crisis) बीजिंग द्वारा उपलब्ध कराए गए आधिकारिक आंकड़ों से भी बदतर है। सांख्यिकी अधिकारियों द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार चीन के 10 प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों की जनसंख्या पिछले एक साल में और ज्यादा गिर गई है। इस मामले में एक रिपोर्ट के माध्यम से कुछ तथ्य प्रस्तुत किए हैं।
दरअसल, वैसे तो पिछले किए सालों से चीन की जनसंख्या में गिरावट देखने को मिल रही है लेकिन हाल ही में जन्मदर और मृत्युदर के बीच का अंतर खत्म होता जा रहा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार चीन में जन्म दर 0.752 प्रतिशत और मृत्यु दर 0.718 प्रतिशत दर्ज किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप प्राकृतिक विकास दर 0.034 प्रतिशत है। 2020 में प्राकृतिक विकास दर 0.145 प्रतिशत थी।
चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, चीन की जनसंख्या 2021 में एक अरब 41 करोड़ थी 12 लाख 212 थी और साल 2021 में चीन की जनसंख्या में सिर्फ 4 लाख 80 हजार की बढ़ोतरी हुई, जिसने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को हिला कर रख दिया है। चीनी सरकार ने जो आंकड़े दिए हैं, वे डराने वाले हैं और रिपोर्ट में जनसंख्या वृद्धि में रिकॉर्ड कमी के पीछे कोरोना को भी एक बड़ी वजह बताया गया है और कहा गया है कि कोरोना की वजह से लोगों में बच्चा पैदा करने को लेकर अनिच्छा पैदा हो गई है।
उधर चीन की अर्थव्यवस्था में पिछले एक साल में आई गिरावट ने इसे और भी ज्यादा बढ़ा दिया है। चीनी सरकार के आंकड़े के मुताबिक 1980 के दशक के अंत में चीन की कुल प्रजनन दर (प्रति महिला) 2.6 थी और चीन में मृत्यु दर 2.1 था। लेकिन साल 1994 के बाद से जन्म दर घटकर 1.6 से 1.7 के बीच आ गया। वहीं, साल 2020 में चीन में जन्मदर घटकर 1.3 हो गया, तो साल 2021 में जन्मदर घटकर 1.15 पर पहुंच चुका है। जबकि अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में जन्मदर 1.6 है और जापान में भी जन्मदर 1.3 है।
इसी बीच पिछले साल चीन ने एक नया जनसंख्या और परिवार नियोजन कानून जारी किया, जो चीनी जोड़ों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति देता है, जाहिर तौर पर बढ़ती लागत के कारण जोड़ों की अतिरिक्त बच्चे पैदा करने की अनिच्छा का जवाब देता है। तीसरे बच्चे को अनुमति देने का निर्णय 2020 में एक दशक में एक बार होने वाली जनगणना के बाद लागू किया गया था, यह दर्शाता है कि चीन की जनसंख्या इतिहास में सबसे धीमी दर से बढ़ी है, जो 1.412 बिलियन लोगों तक पहुंच गई है।
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