नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले करीब एक साल से युद्ध चल रहा है, दुनिया की निगाहें तभी से इसपर टिकी हैं. हाल ही में वैगनर ग्रुप की रूस में बगावत और फिर बेलारूस जाने की हलचल ने फिर इस युद्ध की ओर दुनिया का ध्यान खींचा है. इन सभी गतिविधियों के बीच रूस-यूक्रेन का ये युद्ध किस ओर बढ़ता दिख रहा है, भारत पर इसका क्या असर हो रहा है और किस तरह ये दुनिया की मौजूदा राजनीति को प्रभावित कर रहा है ये सवाल हर किसी के मन में हैं. एक अहम सवाल चीन को लेकर भी है, जो लंबे वक्त से रूस के साथ खड़ा दिखाई दिया है.
‘रूस को अभी के माहौल में कई देशों का विरोध झेलना पड़ रहा है, लेकिन इस बीच चीन उसका साथ दे रहा है. कमाल की बात ये है कि रूस के लोगों में चीन की अच्छी छवि बनी है, यही कारण है कि शी जिनपिंग वहां पर काफी पॉपुलर हैं. चीन के साथ रूस की ये दोस्ती भविष्य में जाकर भारत-रूस के लिए दिक्कत खड़ी कर सकती है.’
युद्ध से इतर चीन यहां पर अपना भविष्य भी देख रहा है, जब प्रतिबंधों के बीच अमेरिकी कंपनियों ने रूस से अपना बोरिया-बिस्तर समेटा तो मुश्किल वक्त में चीन रूस के काम आया और अपनी कंपनियों को रूस में इन्वेस्ट किया. व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग की दोस्ती कई मायनों में दुनिया के लिए संदेश भी है.
बता दें कि अमेरिका बनाम रूस, अमेरिका बनाम चीन की ‘कोल्ड वॉर’ अक्सर सुर्खियों में रहती है, ऐसे में रूस-चीन का एक होना अमेरिका समेत पश्चिम देशों के लिए भी अच्छा संकेत नहीं है. दूसरी ओर भारत की रूस से दोस्ती है, लेकिन चीन के साथ सीमा पर हमेशा तनाव की स्थिति बनी रहती है. ऐसे में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भविष्य में भारत किस रणनीति के साथ आगे बढ़ता है उसपर भी हर किसी की नज़र बनी रहेगी.
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