ताइपे । ताइवान (Taiwan) के रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने कहा कि चीन के 15 सैन्य एयरक्राफ्ट (Military Aircraft) और 8 नौसैनिक पोत (Naval vessels) शनिवार को उसकी सीमा के पास देखे गए। ताइवान की तरफ से कहा गया कि चीन के चार आधिकारिक पोत भी इस दौरान निगरानी के लिए पहुंचे थे।
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयानन के मुताबिक, चीन के 15 एयरक्राफ्ट्स में से 11 ने ताइवान जलडमरूमध्य में दोनों देशों के बीच पड़ने वाली सीमा को पार भी किया और ताइवान के उत्तरी, दक्षिण-पश्चिमी और पूर्वी हवाई रक्षा पहचान क्षेत्र (एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन) में पहुंच गए। चीन की इस हरकत के मद्देनजर ताइवान ने भी सीमा के पास एयरक्राफ्ट और नौसैनिक पोत के अलावा तटीय मिसाइल सिस्टम को सक्रिय कर दिया।
ताइवान का कहना है कि वह चीन की हरकतों पर निगरानी रख रहा है। एक दिन पहले यानी शुक्रवार को भी चीन के 16 एयरक्राफ्ट और 13 नौसैनिक पोतों के अलावा दो आधिकारिक जहाज ताइवान की सीमा के पास देखे गए थे।
दिसंबर में अब तक ताइवान ने चीनी सैन्य हवाई जहाजों को 71 बार समुद्री सीमा के करीब देखा है, जबकि उसके नौसैन्य पोतों को 50 बार सीमा के करीब पाया गया। सितंबर 2020 के बाद से ही चीन ने ताइवान की समुद्री सीमा के करीब अपने सैन्य एयरक्राफ्ट और नौसैनिक पोतों की संख्या बढ़ाई है।
ताइवान को अपना हिस्सा मानता है चीन
चीन, ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को संप्रभु राष्ट्र मानता है। अब तक चीन ने सीधे ताइवान पर आक्रमण नहीं किया है, लेकिन वो ये सब कुछ ग्रे जोन में करता है। ये चीन की सेना का एक पैंतरा है, जिससे वो सीधे युद्ध तो नहीं करती लेकिन ये शक्ति प्रदर्शन करती है। यहां ग्रे जोन का मतलब है कि कोई देश सीधा हमला नहीं करता है लेकिन इस तरह का डर हमेशा बनाए रखता है। सीधे सैन्य कार्रवाई की जगह, ऐसी कई चीजें होती रहती हैं, जिनसे हमले का डर बना रहता है। ताइवान के साथ चीन यही कर रहा है। चीन सितंबर 2020 से ‘ग्रे जोन’ रणनीति का अधिक बार उपयोग कर रहा है।
जानकारों का कहना है कि ग्रे जोन युद्ध रणनीति दरअसल, एक तरीका है, जिससे लंबी अवधि में धीरे-धीरे प्रतिद्वंद्वी को कमजोर कर दिया जाता है और चीन ताइवान के साथ ठीक यही करने की कोशिश कर रहा है।
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