नई दिल्ली । पिछले 2 साल से पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में 50 हजार से ज्यादा सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती के बावजूद आगे बढ़ने की हिम्मत न जुटा पाने वाला चीन (China) अब नई साजिश रचने में लगा है. वह अब अपनी सेना यानी PLA में ऐसे ग्रैजुएट युवाओं की भर्ती कर रही है, जो हिंदी जानते हों.
हिंदी जानने वाले युवाओं की भर्ती
सूत्रों के मुताबिक हिंदी जानने वाले इन सैनिकों का इस्तेमाल भारत से जुड़ी इंटेलिजेंस जुटाने और LAC के आसपास के बारे में सूचनाएं हासिल करने के लिए किया जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक वेस्टर्न थिएटर कमांड के तहत आने वाले तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट ने पिछले साल जून में इस भर्ती की शुरुआत की थी.
चीनी (PLA) की वेस्टर्न थिएटर कमांड ही भारत से लगती सीमा की सुरक्षा का काम देखती है. तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट LAC के निचले हिस्से पर सुरक्षा का काम देखती है, जो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तराखंड से लगती है. इसके अलावा लद्दाख की निगरानी करने वाली शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट भी इसी कमांड के मातहत काम करती है.
तिब्बतियों की भी सीमा पर तैनाती
तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के अधिकारी पिछले कुछ महीने में चीन के कई कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में गए हैं और छात्रों को बताया कि उनका हिंदी अनुवादक के तौर पर चीनी सेना (PLA) में भविष्य कैसा हो सकता है. यही नहीं पिछले कुछ महीनों में पीएलए ने बड़ी संख्या में ऐसे तिब्बती लोगों को भर्ती किया है, जो हिंदी बोल सकते हैं. इन लोगों की तैनाती भारत से लगती उत्तरी सीमाओं पर की जा रही है.
भारत के सख्त तेवरों से परेशान है चीन
बताते चलें कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन (India China) , दोनों ओर से करीब 50-50 हजार सैनिक भारी हथियारों के साथ तैनात हैं. भारत लगातार इस सैन्य विवाद को बातचीत के जरिए हल करने की कोशिश करता रहा है. हालांकि चीन (China) के अड़ियल रूख की वजह से अभी तक यह संभव नहीं हो पाया है.
ऐसे में चीन को कड़ा संदेश देते हुए भारत ने अपने खतरनाक हथियारों का मुंह चीन की ओर करके तैनात कर रखा है. भारत के तीखे तेवर देखकर चीन (China) आगे बढ़ने की हिम्मत तो नहीं जुटा पा रहा है लेकिन नई-नई तिकड़म निकालकर लगातार भारत को परेशान करने की नीयत से बाज नहीं आ रहा है.
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