नई दिल्ली: चीन (China) चांद पर इंसान भेजने की तैयारी कर रहा है, अपने इस मिशन को पूरा करने की दिशा में चीन एक कदम आगे बढ़ाया है. चाइना मैन्ड स्पेस एजेंसी (CMSA) ने चीन के इस खास मिशन पर चंद्रमा पर भेजे जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स के लिए स्पेस सूट का अनावरण (unveiling the space suit) किया है. यह स्पेस सूट सफेद और लाल रंग का है जिसके बारे में चीन की स्टेट मीडिया का कहना है कि यह चांद की सतह के तापमान, रेडिएशन के साथ-साथ डस्ट को झेलने में भी सक्षम है. इसके अलावा यह इतना फ्लेक्सिबल है कि चांद की सतह पर अंतरिक्ष यात्री किसी भी टास्क को आसानी से पूरा कर सकते हैं.
चांद की सतह पर उतरने के लिए डिजाइन किए गए इस स्पेसशूट पर लॉन्ग रेंज और शॉर्ट रेंज कैमरा लगाया गया है. CMSA के जारी किए गए वीडियों में इस स्पेस सूट में ऑपरेशन कंसोल, ग्लेयर प्रूफ हेलमेट वाइज़र भी लगा नजर आ रहा है. वीडियो में चीन के अंतरिक्ष यात्री झाई झिगांग और वांग येपिंग यह दिखाते नजर आ रहे हैं कि इस स्पेस सूट को पहनकर सीढ़ियों पर चढ़ना और झुकना कितना आसान है.
चीन के एस्ट्रोनॉट रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर के एक अधिकारी ली मेंग ने बताया कि 2020 से ही मून-लैंडिंग स्पेस सूट को विकसित करने का काम शुरू कर दिया गया था. हमारी पूरी कोशिश थी कि हल्का, कॉम्पैक्ट, भरोसेमंद और चांद की सतह के लिहाज से सुरक्षित स्पेस सूट तैयार करें. ली ने कहा कि इसके निर्माण में हमने कई महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है.
चीन के इस स्पेस सूट ने दुनियाभर का ध्यान खींचा है. स्पेसएक्स के CEO एलन मस्क ने इसका वीडियो को X शेयर कर लिखा है कि, ‘इस दौरान अमेरिका में फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FFA) पेपरवर्क में उलझाकर नेशनल स्पेस प्रोग्राम का गला घोंटने में लगा है.’ दरअसल जितनी तेजी से चीन अपने इस मिशन के लिए जुटा हुआ है उसे लेकर अमेरिका के स्पेस प्रोग्राम की धीमी प्रक्रिया की आलोचना की है.
चीन अंतरिक्ष में तेजी से अपने कदम बढ़ा रहा है, वह इसी साल चांद के अंधेरे वाले हिस्से से मिट्टी लाने वाला दुनिया का पहला देश भी बन गया है. चीन की स्पेस एजेंसी CNSA ने इसी साल 3 मई को चांग ई-6 मिशन लॉन्च किया था, जो 2 जून को चांद के अंधेरे वाले हिस्से यानी फारसाइड पर उतरा और वहां से सैंपल लेकर 25 जून को वापस चीन की जमीं पर लौटा. चीन का मिशन चंद्रमा से करीब 2 किलो मिट्टी लेकर आया है जो करीब 4 अरब साल पुराना बताया जा रहा है. चांद के जिस हिस्से से मिट्टी लाई गई है माना जा रहा है कि वहां पानी बर्फ के रूप में मौजूद है. यही वजह है कि चीन के इस मिशन ने नासा के अधिकारियों को परेशानी में डाल दिया है.
दरअसल चीन लंबे समय से चांद पर अपना बेस बनाना चाहता है, ऐसे में नासा का कहना है कि अगर चीन को चांद पर पानी मिल जाता है तो वह इस पर अपना दावा करेगा. हालांकि चीन का कहना है कि वह दूसरे देशों के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है. चांद की सतह से मिट्टी लाने का मिशन चीन के चंद्रमा पर इंसान भेजने के मिशन का ही हिस्सा था. इससे पहले चीन 2026 और 2028 में चांग ई-7 और चांग ई-8 मिशन भी लॉन्च करेगा. इन मिशनों के जरिए चीन चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पानी की तलाश करेगा. इसके बाद 2030 तक चीन चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री भेजने और एक रिसर्च बेच बनाने की तैयारी कर रहा है.
चीन के अलावा नासा भी चंद्रमा पर अपना मानव मिशन भेजने की तैयारी कर रहा है. नासा के नेतृत्व में अगले आर्टेमिस-3 मिशन के तहत एक बार फिर अंतरिक्ष यात्री को भेजने की तैयारी की जा रही है. नासा ने इसी साल जानकारी दी है कि यह मिशन सितंबर 2026 तक लॉन्च किया जा सकता है. यह मिशन 1972 के बाद चांद पर इंसान को भेजने का दूसरा मिशन होगा.
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