पेइचिंग । चांद पर झंडा फहराने के बाद चीन ने रविवार को एक अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट (Earth Observation Satellite) को लॉन्च किया है। गाओफेन-14 नाम का यह सैटेलाइट दुनिया के किसी भी हिस्से में जमीनी वस्तुओं की हाई रेजोल्यूशन की तस्वीरें ले सकने में सक्षम है। इस सैटेलाइट को लॉन्ग मार्च-3बी रॉकेट के जरिए दक्षिण पश्चिम चीन के सिचुआन प्रांत में शिचांग उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से लॉन्च किया गया।
गाओफेन-14 एक ऑप्टिकल स्टीरियो मानचित्रण उपग्रह है। यह विश्वभर की उच्च गुणवत्ता वाली सटीक स्टीरियो तस्वीरें हासिल करने, बड़े स्तर पर डिजिटल स्थलाकृतिक नक्शे बनाने, डिजिटल ऊंचाई मॉडल, डिजिटल सतह मॉडल एवं डिजिटल ऑर्थोफोटो छवियां बनाने और बुनियादी भौगोलिक जानकारी देने में सक्षम है।
अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट का प्रयोग सैन्य और असैन्य दोनों तरह की गतिविधियों में किया जाता है। इस सैटेलाइट में कई हाई रिज्योलूशन के कैमरे लगे होते हैं। जो धरती की तीन फीट की ऊंचाई पर स्थित किसी ऑब्जेक्ट की हाई क्वालिटी तस्वीरें ले सकते हैं। माना जा रहा है कि भारत-अमेरिका से बढ़ते खतरों से निपटने के लिए चीन इसका सैन्य उपयोग कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि सितंबर में चीन का एक अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट मिशन लॉन्चिंग के दौरान फेल हो गया था। जिलिन-1 गाओफेन 02-सी सैटेलाइट जिकुआन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से कुआझु-1ए राकेट से लॉन्च किया गया था। इस दौरान इसका रॉकेट तकनीकी खराबी के कारण बीच रास्ते में ही नष्ट हो गया था।
वहीं, बतादें कि चीन का चंद्रयान चांग ई-5 ने 3 दिसंबर को चंद्रमा की सतह पर अपने राष्ट्रीय ध्वज को फहराया था। इसी के साथ अमेरिका के बाद चीन दुनिया का दूसरा ऐसा देश बन गया जिसका झंडा चंद्रमा पर पहुंचा है। चीन के अंतरिक्ष यान को चांद तक पहुंचाने के लिए लांग मार्च-5 रॉकेट का इस्तेमाल किया था। चीन के दो मिशन चांद की सतह पर पहले से ही मौजूद हैं। इसमें चेंग-ई-3 नाम का स्पेसक्राफ्ट 2013 में चांद के सतह पर पहुंचा था। जबकि जनवरी 2019 में चेंग-ई-4 चांद की सतह पर लैंडर और यूटू-2 रोवर के साथ लैंड किया था। बताया जा रहा है कि ये मिशन अब भी एक्टिव हैं।
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