वाशिंगटन (Washington)। दुनिया के दिग्गज बिजनेसमैन (World famous businessman) और टेस्ला.. ट्विटर जैसी कंपनियों के मालिक (owner of companies like Tesla-Twitter) एलन मस्क (Elon Musk) भारत आने वाले हैं. दुनियाभर की निगाहें इस दौरे पर होंगी. एलन मस्क पीएम मोदी से भी मुलाकात करेंगे. कहा जा रहा है कि इस दौरे पर कुछ बड़े ऐलान होने वाले हैं. लेकिन कुछ देशों को इस दौरे से जलन होने लगी है. कम से कम चीन को देखकर ऐसा ही लग रहा है. जबसे चीन ने ये सुना है तबसे चीन के सरकारी मीडिया ने भारत के बारे में उल्टे सीधे बयान देना शुरु कर दिया है. चीन खुद ही अपने एक्सपर्ट्स के वीडियो बनाकर पोस्ट कर रहा है. जिसमें दावे किये गये हैं कि भारत जाने से टेस्ला को फायदा नहीं होगा. चीन की इस घबराहट की पोल जानना जरूरी है।
चीन की बेचैनी कई वजहों से है
असल में कुछ आंकड़े हैं जिसके माध्यम से पता चलेगा कि कैसे टेस्ला ने चीन को इलेक्ट्रिक गाड़ियों का बादशाह बना दिया और अब यही फॉर्मूला इंडिया में भी लागू हो सकता है. लेकिन अब चीन में इसको लेकर बेचैनी है. हालांकि अभी एलन मस्क भारत नहीं पहुंचे हैं. उन्होंने ऐलान जरूर किया है कि वे जल्द ही भारत आने वाले हैं. इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि टेस्ला को लेकर भारत में कुछ बड़ा ऐलान होने वाला है।
आंकड़ों पर नजर तो डालिए..
– साल 2001 में चीन में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी और मोटर पर रिसर्च शुरु हो गया था
– लेकिन 15 साल बीतने के बाद भी 2016 तक चीन इलेक्ट्रिक कारों के मामले में अमेरिका से पीछे रहा
– इसके बाद साल 2019 आया. तब चीन में टेस्ला ने अपनी विशाल फैक्ट्री की शुरुआत की. वहां कि कंपनियों के साथ मिलकर गाड़ियों का प्रोडक्शन शुरु किया. और इसका नतीजा चौंकाने वाला था
– 2021 में चीन में सिर्फ 13 लाख इलेक्ट्रिक गाड़ियां थी जो बढ़कर 2023 में 68 लाख तक पहुंग गईं. पांच गुना से भी ज्यादा का जंप मिला।
टेस्ला के साथ काम करने का फायदा..
असल में चीन की कंपनियों को टेस्ला के साथ काम करने का फायदा मिला. टेस्ला ने वहां की लोकेल कंपनियों के साथ मिलकर अपनी गाड़ी का प्रोडक्शन किया. इससे चीन की कंपनियों को सीधे अमेरिका की हाईलेवल की तकनीक मिली. जो चीन को तो कोई कंपनी नहीं देती. पर अब चीन के पास तकनीक है तो वो उसे पीछे जाना नहीं चाहता. उसे लगता है कि कुछ भी कर लो. कोई भी प्रोपगेंडा फैला दो. पर टेस्ला को भारत जाने से रोक दो. चीन की सरकारी मीडिया ने टेस्ला को लेकर क्या नैरेटिव फैलाया है. इस स्पेशल रिपोर्ट में हमने उसके प्रोपगेंडा की हवा निकाल दी है।
एलन मस्क का PM मोदी पर ट्वीट सामने आते ही चीन में प्रोपगेंडा शुरु हो गया. ग्लोबल टाइम्स ने बाकायदा चाइनीज एक्सपर्ट्स को बुलाकर अपना एजेंडा सामने रख दिया. चीन के इस बयान के पीछे छिपे सच को समझना जरूरी है. इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बनानेवाली कंपनी टेस्ला ने ऐलान किया है कि वो अपनी टीम को इंडिया भेजने जा रहे हैं, ताकि वहां पर फैक्ट्री बनाने के लिए जगह तय की जा सके, शायद ये कई बिलियन डॉलर का प्रोजेक्ट होगा. चीन के डर की वजह है खुद टेस्ला कंपनी. जो भारत में अपना प्लांट लगा सकती है और शायद वहीं से दुनिया के दूसरे देशों में भी सप्लाई का फैसला भी कर सकती है।
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