चीन (China) अपने नापाक हरकतों के लिए जगजाहिर है। यही वजह है कि चीन किस हद तक जा सकता है, उसकी एक और उदाहरण देखने को मिल रही है। चीन अपने सैनिकों को शक्तिशाली बनाने के लिए ऐसा काम कर रहा है, जिससे अमेरिका (America) की भी नींद उड़ जाएगी।
एक रिपोर्ट के अनुसार चीन अपने सैनिकों को ज्यादा शक्तिशाली बनाने के लिए गर्भवती महिलाओं के जेनेटिक डेटा का चोरी-छिपे अध्ययन कर रहा है। अमेरिकी सलाहकार समूह ने जो बाइडन सरकार को यह जानकारी देते हुए सतर्क किया है। अमेरिकी सलाहकारों का कहना है कि भविष्य में जेनेटिक इंजीनियरिंग के जरिए चीन अपनी सेना को ज्यादा ताकतवर बना लेगा जो कि अमेरिका के लिए बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
जिन सैनिकों के ऊपर यह प्रयोग किए गए हैं, उनमें से अधिकतर भारत से लगी सीमा पर तैनात हैं। चीनी कंपनी बीजीआई ग्रुप और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के इस जीन रिसर्च प्रोग्राम से भारत के लिए खतरा कई गुना बढ़ गया है। इतना ही नहीं, चीन दुनियाभर के कई देशों के गर्भवती महिलाओं के जेनेटिक डेटा का चोरी छिपे अध्ययन भी कर रहा है।
यूके (UK) की समाचार एजेंसी ने हाल ही में बताया कि बीजीआई ग्रुप ने ब्रेन सर्जरी से उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात हान सैनिकों की रक्षा के लिए जीन और दवाओं के बीच बातचीत पर अध्ययन प्रकाशित किया है। बाइडन प्रशासन के सलाहकारों ने मार्च में चेतावनी देते हुए कहा था कि चीनी कंपनी बीजीआई ग्रुप महिलाओं के जीनोमिक डेटा का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ अध्ययन कर रहा है। चीन इससे आर्थिक और सैन्य लाभ हासिल कर सकता है।
अमेरिकी सलाहकारों का मानना है कि यह प्रौद्योगिकी चीन को वैश्विक फार्मास्यूटिकल्स पर हावी होने के लिए प्रेरित कर सकती है। उन्होंने यह संभावना भी जताई कि आनुवंशिक रूप से उन्नत और महाशक्तिशाली सैनिक और दूसरी गंभीर बीमारियां अमेरिकी लोगों या खाद्य आपूर्ति को बाधित कर सकती हैं। चीन की इस रिसर्च के बारे में जानकारी के बाद से ही अमेरिकी सरकार के होश उड़े हुए हैं।
बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट के अनुसार, चीनी कंपनी और पीएलए साथ मिलकर सैनिकों के जीन में बदलाव कर रहे हैं। इससे सैनिकों के ऊंचाई पर तैनाती के दौरान हाई एल्टीट्यूड सिकनेस और सुनने की क्षमता को खोने जैसी बीमारियों से राहत मिलेगी। पिछले एक साल से लद्दाख में जारी तनाव के बीच भारत और चीन ने अपने सैनिकों को लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात कर रखा है। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि चीनी सैनिक ऊंचाई पर तैनाती के दौरान ज्यादा बीमार पड़ रहे थे। अगर चीन इस प्रयोग में सफल हो जाता है तो उसके सैनिक ज्यादा समय तक ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात रह सकेंगे।
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