नई दिल्ली। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव चरम पर है और चीनी सेना के मुकाबले भारतीय सेना रणनीतिक बढ़त बनाए हुए हैं। ऐसे में चीन पाकिस्तान की सेना और आतंकियों को मोहरा बनाकर भारत के खिलाफ एक साथ दो मोर्चा खोलने की साजिश रच रहा है।
भारतीय सेना ने जिस तरह पहले गलवान घाटी में और अब पेंगॉन्ग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी सेना के मंसूबों को फेल कर दिया है, उससे चीन और झुंझला गया है। इसलिए अब उसके दिमाग में 1962 वाला युद्ध घूम रहा है। तब चीन ने LOC पर पाकिस्तानी सेना को खड़ा करके, भारत के खिलाफ एक साथ युद्ध के दो मोर्चे खोल दिये थे। अब एक बार फिर चीन उसी रास्ते पर चल पड़ा है।
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक भारत के खिलाफ LOC पर सेना की तैनाती बढ़ाने के बदले में चीन ने पाकिस्तान के साथ एक डील भी की है। डील के तहत चीन, पाकिस्तान को हथियार और नई तकनीक देने में जुटा है। चीन अपने VT-4 टैंक की नई तकनीक पाकिस्तान को दे रहा है। VT-4 मेन बैटल टैंक है, जिसका इस्तेमाल चीन की सेना करती है।
इसके अलावा चीन, पाकिस्तान के लिए 120 अल खालिद-1 टैंक बनाने में भी मदद कर रहा है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक चीन, पाकिस्तान के लिए सिर्फ टैंक अपग्रेडेशन में ही मदद नहीं कर रहा बल्कि आर्टिलरी को बेहतर बनाने के लिए भी मदद कर रहा है।
पाकिस्तान चीन की SH-15 ट्रैक माउंटेड गन को खरीदने की फिराक में है जिनका इस्तेमाल पाकिस्तानी सेना, पीओके में कई जगह भारत के खिलाफ कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक चीन, पाकिस्तान को A-100 मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर की एक खेप दे चुका है। इतना ही नहीं पाकिस्तान, चीन की मदद से VOIP यानी Voice Over Internet Protocol के जरिये खुफिया मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार करना चाहता है ताकि भारत पर नजर रखी जा सके।
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