वीजिंग। चीन और अमेरिका (China and America) टेंशन कम होने का नाम नहीं ले रही है। टैरिफ (Tariff) बढ़ाने के बाद चीन ने अपना रक्षा बजट (Defense Budget) बढ़ाया और तर्क दिया कि उसकी संप्रभुता को खतरा है। रविवार को अपने 249 अरब डॉलर के रक्षा बजट को सही ठहराते हुए चीन ने कहा कि उसे देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है तथा बढ़ी हुई राशि का उपयोग नवीनतम लड़ाकू क्षमताओं के साथ सेना के आधुनिकीकरण के लिए किया जाएगा।
अमेरिकी सत्ता में डोनाल्ड ट्रंप के आने से चीन और अमेरिका में तनाव चरम पर है। हाल ही में ट्रंप ने चीनी सामानों पर टैरिफ बढ़ाया था। ट्रंप की लगातार बयानबाजी के बाद चीन ने भी अमेरिका को युद्ध की धमकी देते हुए कहा था कि अगर जंग चाहते हो तो हम भी युद्ध के लिए तैयार हैं।
चीन और अमेरिका का रक्षा बजट
चीन का सैन्य बजट अमेरिका के बाद दुनिया में सर्वाधिक है। अमेरिका का नवीनतम प्रस्तावित रक्षा खर्च 890 अरब डॉलर से अधिक है। चीन जहां भारी अमेरिकी रक्षा बजट का हवाला देता है, वहीं उसका बढ़ता रक्षा खर्च पड़ोसियों, खासकर भारत पर दबाव डाल रहा है। चीन का रक्षा खर्च भारत के करीब 78.8 अरब अमेरिकी डॉलर से तीन गुना ज्यादा है।
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