वाशिंगटन। शी जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद से चीन की सैन्य गतिविधियां तेजी से बढ़ती जा रही हैं। अब सिर्फ वह अपने पड़ोसी देशों ही नहीं दुनिया पर भी राज करने के मंसूबे पाल रहा है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन दुनिया भर में अपने सैन्य ठिकाने बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है। इसके लिए वह हरसंभव कोशिश कर रहा है। हालांकि, अभी तक सिर्फ एक ही सैन्य ठिकाने की आधिकारिक पुष्टि हुई है, लेकिन अलग-अलग देशों में सैन्य ठिकाने स्थापित करने के लिए चीन हर प्रयास कर रहा है।
इक्वेटोरियल गिनी और यूएई पर चीन का फोकस
मध्य अफ्रीका के देश इक्वेटोरियल गिनी और यूएई पर चीन अपना पूरा ध्यान केंद्रित किए हुए है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन इक्वेटोरियल गिनी में अपना पहला सैन्य ठिकाना बनाने की कोशिश में लगा है। वहीं यूएई में भी उसके प्रयास जारी हैं। हाल ही में अमेरिका ने यूएई को चेतावनी तक दी थी, जिसके बाद अबूधाबी से 80 किमी दूर उत्तर में खलीफा कार्गो बंदरगाह पर निर्माण कार्य रोक दिया था। अमेरिका ने आरोप लगाया था कि चीन यूएई को बिना बनाए वहां पर गुप्त सैन्य ठिकाने बना रहा है।
कंबोडिया में मदद के बहाने ड्रैगन की चाल
कंबोडिया में चीन ने अक्टूबर, 2020 में रीम नेवल बेस में दो इमारतों को ध्वस्त कर दिया था। ये दोनों इमारतें अमेरिका द्वारा फंडेड थीं। बाद में कंबोडिया के रक्षा मंत्री टी बान का बयान सामने आया, उन्होंने कहा कि चीन बेस के ढांचागत विस्तार में मदद कर रहा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि कंबोडिया और चीन के बीच एक गुप्त समझौता हुआ है, जिसके तहत कंबोडिया 30 साल तक चीनी सेना को नौसैनिक सुविधा उपलब्ध कराता रहेगा। हालांकि, कंबोडियाई सरकार इस बात का खंडन करती है।
सोलोमन ने लीज पर दिए तुलागी और अन्य द्वीप?
रिपोर्ट्स बताती हैं कि सोलोमन ने चीन को तुलागी और आसपास के द्वीप भी लीज पर दिए हैं। यह लीज पांच साल की है। दअरसल, 2018 में प्रशांत क्षेत्र में सैन्य ठिकाने को लेकर चीन काफी चर्चा में रहा था। 2019 में सोलोमन के अधिकारियों और चीनी डेवलरपर के बीच तुलागी द्वीप को लीज पर दिए जाने का समझौता हुआ था, लेकिन यह समझौता पूरा नहीं हो सका।
भारत को भी घेर रहा चीन
अमेरिका ने चीन के संभावित सैन्य ठिकानों की एक पूरी सूची तैयार की है। इस सूची में म्यांमार, श्रीलंका, पाकिस्तान और यूएई जैसे देश शामिल हैं। इसका मतलब साफ है कि चीन ऐसे देशों में सैन्य ठिकाने स्थापित कर रहा है, जो भारत के चारों ओर स्थित हैं। पाकिस्तान में भी चीन ग्वादर में निवेश कर रहा है। यह परियोजना पूरी होते नहीं दिख रही है, इसके बाद भी चीन अपने निवेश को नहीं रोक रहा है। रिपोर्ट्स में आशंका जताई जा रही है, चीन आने वाले समय में इसे भी सैन्य ठिकाने के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर सकता है।
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