बीजिंग। भारत (India) का पड़ोसी देश चीन (Neighboring Countries China) आज अपना बजट पेश करने जा रहा है। इस बार के बजट में चीन अपनी सुरक्षा के लिए बढ़ते खतरों को देखते हुए रक्षा खर्च में बढ़ोतरी (Defense spending hike) का फैसला लिया है। रिपोर्ट के अनुसार चीन अपने रक्षा खर्च को 7.1 फीसदी बढ़ाकर भारत, अमेरिका समेत अन्य देशों को चुनौती दे सकता है।
चीन सरकार ने वित्त वर्ष 2022 के लिए 17.57 लाख करोड़ का रक्षा बजट प्रस्तावित किया है, जो कि सालाना वृद्धि पर 7.1 प्रतिशत है। चाइना डेली ने प्रधानमंत्री ली केकियांग द्वारा प्रस्तुत मसौदा बजट प्रस्तावों के हवाले से इसकी जानकारी दी है। भारत से तुलना की जाए तो यह वृद्धि 2022 के लिए भारत के 5.25 लाख करोड़ (लगभग 70 बिलियन अमरीकी डॉलर) के रक्षा बजट से तीन गुना अधिक है।
भारत के लिए खतरा
चीन द्वारा रक्षा खर्च में बढ़ोतरी के बाद आशंका जताई जा रही है कि यह भारत के लिए खतरा बन सकता है। दरअसल, चीन हर साल रक्षा बजट में इजाफा करता जा रहा है। रक्षा बजट में वृद्धि के बाद चीन एलएसी पर सैन्यकर्मियों की संख्या में बढ़ोतरी कर सकता है और अवैध घुसपैठ को भी अंजाम देने की कोशिश कर सकता है।
चीनी प्रधानमंत्री ने दिया सुरक्षा का हवाला
पिछले साल चीन का रक्षा खर्च पहली बार 15000 अरब रुपये को पार कर गया था। चीन की संसद में प्रस्तुत अपनी कार्य रिपोर्ट में, चीनी प्रधानमंत्री ली ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से व्यापक युद्ध तैयारी को गहरा करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि पीएलए को देश की संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए दृढ़ और लचीले तरीके से सैन्य संघर्ष करने की जरूरत है। ली ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध और अमेरिका के साथ उसके बढ़ते राजनीतिक और सैन्य तनाव के बीच इस साल के रक्षा बजट में चीन की वृद्धि की गई है। चीन के पास अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रक्षा बजट है।
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