नई दिल्ली (New Delhi) । चीन (China) हथियार, उपकरण तकनीक और ड्रोन उपलब्ध कराकर कश्मीर (Kashmir) में अस्थिरता फैलाने की पाकिस्तान (Pakistan) की कोशिश का पर्दे के पीछे से समर्थन कर रहा है। साथ ही पंजाब (Punjab) में भी अवैध ड्रग और हथियार की खेप भेजने में चीनी ड्रोन (chinese drone) का ही इस्तेमाल हो रहा है। बीते कुछ महीनों से भारतीय सीमा में घुसे ड्रोन की फॉरेंसिक रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि उनकी तकनीक चीन की है और वे चीन में ही निर्मित हैं। पाकिस्तान इसमें मामूली फेरबदल करता है।
इसके अलावा कई ऐसे हथियार और उपकरण भी मिले हैं जिनका निर्माण चीन में ही हुआ है। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ‘मिशन कश्मीर’ के तहत लगातार चीन से मदद हासिल कर रहा है। चीन पाकिस्तान के नापाक मंसूबों का कवच संयुक्त राष्ट्र से लेकर हर स्तर पर बना हुआ है।
बीएसएफ ने पंजाब की सीमा में घुसने का प्रयास करने वाले जितने ड्रोन मार गिराए हैं, उनमें से अधिकांश ड्रोन चीन निर्मित हैं। उन्हें पहले चीन से पाकिस्तान में लाया जाता है, उसके बाद ड्रोन की तकनीक में थोड़ा बहुत बदलाव किया जाता है। इसके बाद ड्रोन को हथियार, कारतूस और ड्रग्स से लैस कर उसे पंजाब की सीमा में घुसाने का प्रयास होता है।
भारतीय सीमा में घुसने पर ड्रोन को पहले तकनीक के माध्यम से खत्म करने का प्रयास किया जाता है। जब वह प्रयास सफल नहीं होता तो ड्रोन को भारतीय सीमा में घुसने से रोकने के लिए उस पर फायर किया जाता है। जब तक वह ड्रोन गिर नहीं जाता, उस पर फायरिंग जारी रहती है। नई एंटी ड्रोन तकनीक पर भी लगातार काम चल रहा है।
गौरतलब है कि एक ड्रोन की पिछले दिनों जांच की गई तो फॉरेंसिक रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि उस ड्रोन ने चीन के शंघाई के फेंग जियान जिले से उड़ान भरी थी। इसके बाद वह ड्रोन पाकिस्तान पहुंच गया। वहां उस ड्रोन ने 24 सितंबर 2022 से लेकर 25 दिसंबर 2022 तक 28 उड़ान भरीं। ये सभी उड़ानें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के खेनेवाल इलाके में दर्ज की गईं।
आंकड़े बताते हैं कि पिछले सालों के मुकाबले साल 2022 में पाकिस्तान द्वारा ड्रोन घुसपैठ के मामले दोगुना से भी ज्यादा बढ़े हैं। जानकारी के मुताबिक साल 2020 में 79 मामले तो साल 2021 में 109 ड्रोन घुसपैठ के मामले देखे गए थे, जो 2022 में बढ़कर अब तक 270 से ज्यादा हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक इनमें ड्रोन घुसपैठ के 220 से ज्यादा मामले अकेले पंजाब सीमा में सामने आए हैं। वहीं जम्मू में करीब 25 मामले अब तक देखे गए हैं। बीएसएफ ने अपनी मुस्तैदी के चलते साल 2021 में सिर्फ एक ड्रोन मारने की तुलना में 2022 में 20 से ज्यादा पाकिस्तानी ड्रोन मार गिराए हैं।
ड्रोन घुसपैठ को रोकने के लिए भारत-पाकिस्तान की सीमाओं पर बीएसएफ ने एंटी ड्रोन सिस्टम लगाए हैं। आने वाले दिनों में इनकी संख्या को और बढ़ाया जाएगा। इससे बीएसएफ जवानों को ड्रोन को जाम करने और गिराने में मदद मिलेगी। वहीं जानकारी के अनुसार सीमाओं को और मजबूत करने के लिए बीएसएफ द्वारा 30 करोड़ भी रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसका फायदा आने वाले वर्षों में मिलेगा। सीमा पर घुसपैठ और ड्रोन गतिविधियों पर निगरानी के लिए 5500 अतिरिक्त कैमरे लगाने की भी शुरुआत हो चुकी है।
आतंकी, ड्रग्स और हथियार भेज रहा पाक : डीजीपी
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में और अधिक आतंकवादियों, ड्रग्स और हथियारों को भेजने की कोशिश कर रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि इसके बावजूद यहां आतंकवाद का ग्राफ गिर रहा है और सुरक्षा एजेंसियां आतंकवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास एक कुख्यात ड्रग पेडलर के घर से सात किलोग्राम हेरोइन, दो करोड़ रुपये से अधिक नकद और हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी को केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद के पूरे समर्थक ढांचे को व्यापक रूप से खत्म करने के लिए एक बड़ी सफलता करार दिया।
डीजीपी ने सांबा जिले में एक समारोह से इतर पत्रकारों से कहा, ‘हमने भूमिगत (सुरंगों) और जमीनी चैनलों के माध्यम से (आतंकवादियों की) घुसपैठ को रोका है, लेकिन पाकिस्तान अब भी बड़ी संख्या में आतंकवादियों को इस तरफ धकेलने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।’
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