बीजिंग । चीन (China) ने बाल अपराधों (juvenile crime) से निपटने के लिए कुछ गंभीर अपराधों में अपराधियों की उम्र 14 से घटाकर 12 वर्ष कर दिया है। संशोधित कानून के तहत 12 से 14 साल का किशोर इरादतन हत्या या इरादतन घायल करने के कारण होने वाली मौत या गंभीर रूप से अशक्तता के लिए जिम्मेदार माना जाएगा। नया कानून 1 मार्च से लागू होगा।
चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति ने यह संशोधन शनिवार को पारित किया। नए कानून में उल्लिखित अपराधों के अलावा अन्य अपराध करने वाले 14 साल से कम उम्र के किशोर को आपराधिक दंड से छूट होगी, लेकिन उन्हें सुधारात्मक शिक्षा दी जाएगी।
चीन में अभी आपराधिक जवाबदेही की उम्र 16 साल है। दुष्कर्म, डकैती और इरादतन हत्या जैसे गंभीर अपराधों के लिए 14 से 16 साल के किशोरों पर आपराधिक मुकदमा चलाया जाता है। चीन की सर्वोच्च न्यायिक संस्था ने जून में एक श्वेतपत्र जारी कर कहा है कि 2018 से 2019 के दौरान किशोर अपराधों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इसी को देखते हुए कानून में यह संशोधन किया गया है।
चीन ने अमेरिका की सप्लाई चेन पर किया कब्जा
चीन ने कई वर्ष रणनीति बनाकर अमेरिका की पूरी सप्लाई चेन पर कब्जा किया। आज अमेरिका कमजोर होकर बीजिंग पर निर्भर हो चुका है। यह दावा अमेरिका की आर्थिक स्वतंत्रता परियोजना के राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशक लुकस कुंस ने किया है।
अमेरिकी अखबार द हिल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि अगर चीन से कुछ उपकरण या संसाधन न मिलें तो आज अमेरिका कई हथियार व आवश्यक उत्पाद तैयार ही नहीं कर सकता।
कुंस ने यह दावा अमेरिकी संसद में आयात कर को लेकर हुई सुनवाई में विभिन्न कारोबारियों द्वारा दिए गए बयानों पर आधारित बताया। उन्हाेंने कहा, इसकी वजह से अमेरिका ने कई अच्छी नौकरियां भी इस वजह से खो दीं।
कुंस ने यह भी दावा किया कि बडे़ अमेरिकी कारोबारियों ने अपने मुनाफे के लालच में देश का नुकसान करवाया। चीन बखूबी समझ गया कि यह कारोबारी लालच के गुलाम हैं, वह उन्हें मुनाफा दिखाकर अमेरिका की सप्लाई चेन हथियाता गया।
हालांकि अमेरिका अब थोड़ा सतर्क हुआ है, पिछले ह ते उसने चीन की 58 कंपनियों को चीनी सेना को अमेरिकी तकनीक बेचने का दोषी करार देकर उन्हें हो रहे निर्यात पर प्रतिबंध लगाए। इसका लक्ष्य अमेरिका में तैयार हो रही तकनीक चीन की सेना तक न पहुंचने देना है।
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