नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना महामारी फैलाने के आरोपों का सामना कर रहा चीन अब नए विवादों में घिर गया है. दरअसल, चीन के एक परमाणु प्लांट में एक हफ्ते पहले लीकेज हुई थी, जिसे ड्रैगन ने दुनिया से छिपाकर रखा. दुनिया को कोरोना महामारी की आग में झोंकने वाला चीन अब खुद इस लीकेज की सजा भुगतने की कगार पर खड़ा है.
ये परमाणु प्लांट चीन के गुआंगदोंग प्रांत के ताइशन शहर में मौजूद है. इस शहर की आबादी करीब 10 लाख है. परमाणु प्लांट में रिसाव के चलते इस शहर पर तबाही का खतरा मंडरा रहा है. हालांकि, अभी तक लीक की भयावहता को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.
लेकिन परमाणु प्लांट के आस-पास रहने वाले चीन के स्थानीय लोग रूस के चेर्नोबिल में आज से 35 साल पहले की घटना को याद कर डरे हुए हैं. इस प्लांट से एटमी रेडिएशन के लीक होने की खबर बाहर आने के बाद से ही चीन इन खबरों को छुपाने में लग गया है जैसा कि उसने कोरोना वायरस को लेकर किया था. हालांकि इस बार अमेरिका चीन को बख्सने के मूड में नहीं है.
चीन के न्यूक्लियर पावर प्लांट में हुए लीकेज का मामला उजागर होने के बाद अब एक नया खुलासा हुआ है. इस परमाणु संयंत्र के निर्माण में चीनी कंपनी जनरल न्यूक्लियर पावर ग्रुप (सीजीएन) के साथ हिस्सेदार फ्रांस की बिजली कंपनी ईडीएफ ने सोमवार को खुलासा किया कि उसे इस प्लांट में अक्रिय गैसों (Inert gas) की जानकारी मिली थी.
उसने संभावित रेडियोलॉजिकल खतरे की चेतावनी भी दी थी. लीकेज के बाद कंपनी ने प्लांट पर ही डेटा की समीक्षा के लिए सीजीएन के साथ बैठक बुलाई थी. बता दें कि फ्रांस की कंपनी के आग्रह पर इस मामले की अमेरिका भी जांच कर रहा है.
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