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    चीन ने अमेरिका और ताइवान के लिए तैयार किया ‘दुश्मन’, युद्ध में मिसाइलें भी नहीं आएंगी काम

    April 01, 2023

    नई दिल्ली: ताइवान को कब्जाने की मंशा से चीन अमेरिकी हथियारों को मारने के लिए नई तकनीक विकसित कर रहा है. इसी कड़ी में चीन ने अमेरिका के स्टारलिंक सैटेलाइट को गिराने के लिए तकनीक विकसित कर लिए हैं. चीन का दावा है कि उसने एक कॉम्पेक्ट पावर सोर्स बनाया है, जिसमें स्टारलिंक सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता है. आइए इस रिपोर्ट में जानतें हैं कि आखिर चीन की यह नई तकनीक क्या है और चीन को स्टारलिंक से क्या खतरा है?

    चीन ने हाल ही में दावा किया कि स्टारलिंक को काउंटर करने के लिए जो डिवाइस बनाए गए हैं, वह 10 पल्स फ्रीक्वेंसी के साथ 10 गीगावाट बिजली पैदा कर सकती है. चीनी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस डिवाइस से निकलने वाली उच्च क्षमता वाली एनर्जी माइक्रोवेव बीम रिलीज करता है जो ड्रोन, हवाई जहाज और सैटेलाइट तक को नेस्तनाबूद करने में सक्षम है. ड्रोन का इस्तेमाल खासतौर पर मिसाइलें दागने के लिए किया जाता है. डिवाइस का आकार इतना छोटा है कि इसे बुकशेल्फ तक पर फिट किया जा सकता है.

    चीनी वैज्ञानिकों की ये है चिंता
    बताया जा रहा है कि चीनी सेना के लिए यह डिवाइस युद्ध के दौरान काफी उपयोगी साबित होगी. मसलन एयर अटैक को भेदने के लिए इस डिवाइस का खासतौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. एक चीनी वैज्ञानिक कहते हैं कि इस छोटे डिवाइस से उच्च क्षमता के साथ बिजली पैदा करना घातक भी हो सकता है.


    चीनी वैज्ञानिक कहते हैं, छोटे डिवाइस में इस तरह की पहले की टेस्टिंग नाकाम साबित हुई है. इस डिवाइस से निकलने वाली बिजली लगातार सामान्य मात्रा में होनी चाहिए. ऐसा नहीं होने पर डिवाइस फेल कर सकता है और इसके स्वीच और इंसुलेटिंग मेटेरियल में आग लग सकते हैं.

    चीन को स्टारलिंक से इतना खतरा क्यों है?
    अमेरिका ने यूक्रेन में बड़े स्तर पर स्पेसएक्स के स्टारलिंक सैटेलाइट का इस्तेमाल किया है. इसके बाद एक्सपर्ट को आशंका थी की चीन इसे काउंटर करने के लिए नई तकनीकों को बढ़ावा दे सकता है. हालांकि, स्टारलिंक नेटवर्क को नष्ट करना बेहद मुश्किल साबित हो सकता है. चीन पर इसे नष्ट करने के लिए टेक्नोलॉडिकली और फाइनेंशियली बड़ा दबाव आ सकता है.

    हालांकि, माइक्रोवेव कैननंस सस्ते हथियारों में एक है, जो सैटेलाइट टेक्नोलॉजी को नुकसान पहुंचाते हैं. उनके इलेक्ट्रिकल सिस्टम को बर्बाद कर सकते हैं. इस हथियार को एंटी-सेटेलाइट हथियार के रूप में जाना जाता है, जिसका इस्तेमाल कर चीन स्टारलिंक सेटेलाइट को सटीकता से मार सकता है. चीन का डिवाइस इसलिए भी खास है, क्योंकि इस तरह के और भी डिवाइस किलोवाट या मेगावाट में माइक्रोवेव प्रोड्यूस करते हैं, जबकि चीन का डिवाइस गीगावाट में माइक्रोवेव रिलीज करता है.

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