वॉशिंगटन । अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने चीन पर एक बार फिर से बड़ा हमला बोला है. पोम्पियो ने दावा किया है कि चीन ने भारत की उत्तरी सीमा पर 60,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है, और वह लगातार बुरा व्यवहार करता रहा है. पोम्पिओ ने यह जानकारी टोक्यो से लौटने के बाद एक इंटरव्यू में कही है।
बतादें कि इंडो पैसिफिक राष्ट्रों के विदेश मंत्रियों को क्वाड समूह के रूप में जाना जाता है. अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया मंगलवार को टोक्यो में मिले थे, यह कोरोना वायरस महामारी शुरू होने के बाद उनकी पहली व्यक्तिगत बातचीत थी. यह बैठक इंडो पैसिफिक, साऊथ चाइना सी और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर में चीन के आक्रामक व्यवहार की पृष्ठभूमि में हुई थी.
उन्होंने इस बातचीत में बताया कि “भारतीय उत्तरी सीमा पर 60,000 चीनी सैनिकों को देख रहे हैं. मैं भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के अपने समकक्षों के साथ था और हमने इस मुद्दे पर चर्चा की. पोम्पिओ ने टोक्यो में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की और उन्होंने इंडो-पैसिफिक और दुनिया भर में अग्रिम, शांति, समृद्धि और सुरक्षा के लिए एक साथ काम करने की आवश्यकता को रेखांकित किया. उन्होंने जयशंकर के साथ अपनी मुलाकात को बेहतरीन बताया.
इससे पहले अमेरिका ने चीन को ताइवान पर बलपूर्वक कब्ज़ा करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ कड़ी चेतावनी जारी की है. अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ’ब्रायन ने लास वेगास में नेवादा यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम में कहा कि चीन बड़े पैमाने पर नौसैनिक निर्माण में लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि ऐसा संभवतः प्रथम विश्व युद्ध से पहले ब्रिटेन की शाही नौसेना के साथ प्रतिस्पर्धा करने के जर्मनी के प्रयास के बाद से कभी नहीं देखा गया. उन्होंने कहा “इसका मकसद पश्चिमी प्रशांत में कब्ज़ा कर ताइवान में एक शानदार लैंडिंग के लिए खुद को तैयार करना है.”
ओ’ब्रायन ने चीन और ताइवान के बीच 100 मील (160 किलोमीटर) की दूरी और द्वीप पर लैंडिंग समुद्र तटों की ओर इशारा करते हुए कहा “इसके साथ समस्या यह है कि जलस्थलचर लैंडिंग बेहद कठिन हैं.” अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा “यह एक आसान काम नहीं है और ताइवान पर चीन द्वारा किए गए हमले के जवाब में अमेरिका क्या करेगा, इस बारे में बहुत अभी अस्पष्टता है.” उन्होंने कहा जब चीन, ताइवान पर कब्ज़ा करने का प्रयास करेगा तब यह देखना होगा कि अमेरिकी विकल्प क्या होंगे?
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