नई दिल्ली. हाल ही में कराची हवाई अड्डे (karachi airport) के बाहर हुए बम धमाके (Bomb blasts) में दो चीनी नागरिकों (Chinese nationals) की मौत के बाद चीन (China) ने पाकिस्तान (Pakistan) में काम कर रहे अपने हजारों नागरिकों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने का फैसला किया है. इस संबंध में बीजिंग ने इस्लामाबाद को एक लिखित प्रस्ताव भेजा है, जिसमें चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए चीन की अपनी सुरक्षा एजेंसियों (security agencies) की तैनाती की मांग की गई है. इस प्रस्ताव के सामने आने के बाद पाकिस्तान में आंतरिक सुरक्षा पर एक नई बहस शुरू हो गई है.
पिछले महीने कराची हवाई अड्डे के पास हुए कार बम विस्फोट में दो चीनी इंजीनियरों की जान चली गई, जो थाईलैंड में छुट्टियां मनाने के बाद एक परियोजना पर काम करने वापस लौट रहे थे. पाकिस्तान में इस तरह की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, और चीनी नागरिकों के खिलाफ हो रहे हमलों ने चीन को चिंतित कर दिया है. इन हमलों में लगातार वृद्धि से बीजिंग की नाराजगी बढ़ी है. चीन ने साफ कर दिया है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है.
पाकिस्तानी सरकारी और सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, बीजिंग ने एक विस्तृत लिखित प्रस्ताव इस्लामाबाद को भेजा है, जिसमें चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए चीन की सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती की अनुमति मांगी गई है. इस प्रस्ताव में यह प्रावधान भी शामिल है कि दोनों देश एक-दूसरे के क्षेत्र में आतंकवाद-रोधी अभियानों और संयुक्त हमलों के लिए अपनी सैन्य और सुरक्षा एजेंसियों को भेज सकेंगे. इस प्रावधान का उद्देश्य पाकिस्तान में चीनी नागरिकों और परियोजनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.
हालांकि, पाकिस्तान ने इस प्रस्ताव पर असहमति जताई है. अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही चीन की परियोजनाओं और नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं, और किसी बाहरी सुरक्षा एजेंसी को लाना राष्ट्रीय संप्रभुता के विरुद्ध हो सकता है.
सूत्रों के मुताबिक, बीजिंग और इस्लामाबाद के बीच सुरक्षा प्रबंधन को लेकर बातचीत जारी है. दोनों देशों के बीच एक संयुक्त सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली स्थापित करने पर सहमति बनती दिख रही है. पाकिस्तान इसके लिए राज़ी है कि चीन के अधिकारी सुरक्षा बैठकों और समन्वय कार्यों में शामिल हो सकते हैं, ताकि दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियां बेहतर तालमेल के साथ काम कर सकें.
पाकिस्तान ने चीनी सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती के प्रस्ताव को अभी तक स्वीकार नहीं किया है. पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि देश की सुरक्षा प्रणाली और एजेंसियां पहले से ही इन सभी परियोजनाओं को सुरक्षा प्रदान कर रही हैं. यदि चीनी एजेंसियों को पाकिस्तान में लाया जाता है, तो इससे न केवल पाकिस्तान की संप्रभुता पर सवाल उठेंगे बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन पर भी असर पड़ेगा. इस मामले पर बीजिंग और इस्लामाबाद की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
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