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    चीन को छोड़कर नोएडा में मोबाइल और आईटी डिस्प्ले यूनिट लगाएगी सैमसंग

  • December 12, 2020

    लखनऊ। विश्व की नामचीन आईटी कम्पनियों में शामिल सैमसंग अब उत्तर प्रदेश में मोबाइल डिसप्ले उत्पादों का निर्माण करेगी। योगी कैबिनेट ने इस सम्बन्ध में प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी। सैमसंग की यह यूनिट इससे पहले चीन में स्थापित थी और अब उत्तर प्रदेश में अपना कारोबार करेगी। इसे योगी सरकार की बहुत बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।

    मेसर्स सैमसंग डिस्प्ले नोएडा प्राइवेट लिमिटेड फेज-2 नोएडा में 4,825 करोड़ के निवेश से मोबाइल एवं आईटी डिस्प्ले उत्पादों के विनिर्माण के लिए इकाई की स्थापना करने जा रही है। यही नहीं भारत, ओएलईडी तकनीक से निर्मित मोबाइल डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग करने वाला दुनिया का तीसरा देश भी बन जाएगा।

    डिस्प्ले प्रोडक्ट बाजार पर है सैमसंग का कब्जा

    दुनिया में टीवी, मोबाइल फोन, टैबलेट, घड़ियों आदि में उपयोग होने वाले कुल डिस्प्ले उत्पाद का 70 प्रतिशत से अधिक सैमसंग द्वारा दक्षिण कोरिया, वियतनाम तथा चीन में निर्मित होता है। दक्षिण कोरिया की प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय कम्पनी सैमसंग की परियोजना देश में मोबाइल एवं आईटी डिस्प्ले उत्पादों के निर्माण के लिए पहली इकाई है जो कि चीन से पलायन कर उत्तर प्रदेश में स्थापित की जा रही है। भारत इससे ओएलईडी तकनीक से निर्मित मोबाइल डिस्प्ले विनिर्माण वाला तीसरा देश बन जाएगा। डिस्प्ले इकाइयों का प्रस्तावित निवेश मूल उत्पाद का एक ज्यादा लागत वाला हाई टेक्नोलाॅजी कम्पोनेण्ट है, जो बीच की सप्लाई चेन की कड़ी को पूर्ण करने के लिये तथा भविष्य में प्रदेश में डिस्प्ले से सम्बन्धित फैब इकाई की स्थापना हेतु यह इकाई एक मील का पत्थर साबित होगी।

    सैमसंग उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा निर्यातक

    विगत वित्तीय वर्ष में 2.7 बिलियन डाॅलर के निर्यात के द्वारा मेसर्स सैमसंग उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा निर्यातक है। सैमसंग ग्रुप ने अगले पांच वर्षों में कुल 50 बिलियन डाॅलर का निर्यात लक्ष्य रखा है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किये गये प्रयासों से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक ईको-सिस्टम विकसित हो गया है तथा देश-विदेश में मोबाइल एवं अन्य इलेक्ट्राॅनिक्स उपकरणों की बढ़ती हुई मांग के दृष्टिगत भारत सरकार भी निर्यात हब बनाने हेतु निरन्तर प्रयासरत है।

    मेसर्स सैमसंग डिस्प्ले नोएडा प्राइवेट लिमिटेड को केस-टू-केस आधारित विशेष प्रोत्साहन दिए जाने के सम्बन्ध में मुख्य सचिव, की अध्यक्षता में गठित सशक्त समिति की अनुशंसा तथा सुझावों पर विचार-विमर्श कर मंत्रिपरिषद के विचारण के लिए अभिमत-संस्तुतियां दिए जाने के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने तीन वरिष्ठ मंत्रियों की एक समिति गठित की गई थी, जिसकी अनुंशसा के बाद मंत्रिपरिषद ने इस इकाई को विशेष प्रोत्साहन अनुमन्य किया है।

    1,510 व्यक्तियों को​ मिलेगा प्रत्यक्ष रोजगार

    इस परियोजना के लिए पांच वर्षों की अवधि में 250 करोड़ रुपये की वित्तीय छूट दी जाएगी। प्रस्तावित परियोजना से 1,510 व्यक्तियों के लिए प्रत्यक्ष तथा बड़ी संख्या में अन्य व्यक्तियों हेतु अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। प्रस्तावित निवेश से प्रदेश के इस क्षेत्र को विश्व पटल पर एक निर्यात हब की पहचान प्राप्त होगी जो प्रदेश में अधिक एफडीआई लाने में सहायक होगा।

    भारत सरकार की योजना ‘स्कीम फाॅर प्रमोशन ऑफ मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्राॅनिक कम्पोनेन्ट्स एण्ड सेमीकण्डक्टर्स के अन्तर्गत भी लगभग 460 करोड़ रुपये वित्तीय प्रोत्साहन निवेशक को प्राप्त होगा। (एजेंसी, हि.स.)

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