बीजिंग। चीन ने रविवार को ताइवान के पूरे एयरस्पेस को घेर सैन्य युद्धाभ्यास को अंजाम दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने यह शक्ति प्रदर्शन ‘स्ट्राइक ड्रिल्स’ के तौर पर किया, जिसके तहत उसकी वायुसेना और सेना ने किसी भी लक्ष्य को भेदने की अपनी क्षमताओं को दर्शाया।
ताइवान के करीब देखे गए चीन के 71 एयरक्राफ्ट्स
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने ताइवान को चेतावनी देने के लिए 47 एयरक्राफ्ट्स भेजे। बीते महीनों में यह चीन की तरफ से ताइवान के एयर डिफेंस जोन का सबसे बड़ा उल्लंघन रहा। बताया गया है कि चीन ने इस दौरान अपने जे-10, जे-11, जे-16 और सुखोई-30 फाइटर जेट्स समेत 42 लड़ाकू विमान भेजे, जबकि दो वाई-8 मैरिटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट्स और एक केजे-500 अर्ली वॉर्निंग एयरक्राफ्ट भेजे। इसके अलावा चीन की तरफ से सीएच-4 और डब्ल्यूजेड-7 मिलिट्री ड्रोन्स भी भेजे गए। कुल मिलाकर ताइवान जलडमरूमध्य (चीन-ताइवान के बीच समुद्र) में चीन के 71 एयरक्राफ्ट देखे गए।
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की पूर्वी थिएटर कमान ने इस युद्धाभ्यास के जरिए अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों को ताइवान मुद्दे पर दखल न देने का संदेश दिया है। चीन की तरफ से इसे लेकर एक बयान भी जारी किया गया। इसमें कहा गया कि सेना ने ताइवान के आसपास अपनी जंग की तैयारियों को परखा और सेना के अंगों के साथ संयुक्त शक्ति प्रदर्शन किया। हालांकि, यह युद्धाभ्यास कहां किया गया, इस पर चीन ने स्थिति साफ नहीं की।
चीन के इसी बयान में अमेरिका और उसके साथियों को भी घेरा गया। इसमें कहा गया, “यह अमेरिका और ताइवान के साथ आने और मौजूदा समय में स्थितियों को भड़काने के खिलाफ हमारी सख्त प्रतिक्रिया है। अगर जरूरत पड़ी तो पूर्वी थिएटर कमान चीन की एकता और अखंडता की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी।”
इस युद्धाभ्यास को लेकर ताइवान ने भी प्रतिक्रिया जारी की। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन के इस शक्ति प्रदर्शन से साफ है कि वह क्षेत्रीय शांति के खिलाफ है और ताइवान के लोगों को डराने की कोशिश कर रहा है। ताइवान की तरफ से कहा गया कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सेना की तरफ से डराने वाले यह कदम जाहिर तौर पर नागरिकों की हिम्मत तोड़ने के लिए हैं। लेकिन ताइवान अपनी सैन्य ताकत बढ़ाना जारी रखेगा।
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