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    चीन की गड़बड़ाई इकोनॉमी, लोन बांटना पड़ा भारी, नहीं लौटा रहे कर्ज, मूडीज ने घटाई रेटिंग

  • December 07, 2023

    नई दिल्‍ली (New Delhi) । देश की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी आर्थिक संकट (China Economic Crisis) से जूझ रही है, जी हां हम बात कर रहे हैं चीन की. पहले से रियल एस्टेट और बैंकिंग संकट से बेदम हो रही चीनी इकोनॉमी (China Economy) को लोन बांटना भी भारी पड़ रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में लोन डिफॉल्ट (Loan Defaulters In China) करने वाले कर्जदारों की संख्या करीब 85 लाख के स्तर पर पहुंच चुकी है, तो वहीं दूसरी ओर इन सब संकटों को देखते हुए वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody’s) ने चीन के क्रेडिट रेटिंग आउटलुक को स्टेबल से घटाकर निगेटिव कर दिया है. ये दोनों खबरें चीन के लिए दोहरे झटके से कम नहीं हैं.

    85 लाख से ज्यादा डिफॉल्टर्स
    सबसे पहले बात करते हैं चीन में लगातार बढ़ती जा रही लोन डिफॉल्टर्स की तादाद पर, तो फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, China में उपभोक्ताओं द्वारा डिफॉल्ट करने की संख्या में तेज वृद्धि से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की मुसीबतों को और भी बढ़ा दिया है. तमाम तरह के लोन लेने वाले कर्जदारों की वो संख्या जिसमें ये लोन वापस ना लौटाने वाले लोग शामिल है, बढ़कर रिकॉर्ड 8.54 मिलियन तक पहुंच गई है, जो साल 2020 की शुरुआत में 5.7 मिलियन थी.


    कर्ज का जाल खुल के लिए बन रहा जंजाल
    चीन न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि कई देशों को भी अपने कर्ज के जाल में फंसाता रहा है, इसका बड़ा उदाहरण श्रीलंका और पाकिस्तान हैं. दोनों ही देशों पर China का भारी भरकम कर्ज है और इनकी हालत से फिलहाल सभी बाजिब हैं. लेकिन अब चीन के लिए लोन का ये जाल खुल जंजाल बनता जा रहा है. दरअसल, चीन ने जिन देशों को लोन दिया है वो अपने को दिवालिया घोषित कर रहे हैं. इन देशों को दिया गया कर्ज जहां फंस रहा है, तो वहीं देश के लोगों द्वारा कर्ज लौटाने में असमर्थता इकोनॉमी के मोर्चे पर संकट झेल रहे चीन के लिए मुसीबत बनता जा रहा है.

    मूडीज ने डाउनग्रेड किया आउटलुक
    अब बात करते हैं दूसरे बड़े झटके की, जो रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स रेटिंग की ओर से लगा है. दरअसल, Moody’s ने चीन के क्रेडिट रेटिंग आउटलुक को स्टेबल से निगेटिव में बदल दिया है. रियल एस्टेट सेक्टर के संकट (China Real Estate Crisis) और इससे देश की इकोनॉमिक ग्रोथ पर पड़ने वाले बुरे असर की आशंका के कारण रेटिंग एजेंसी ने ये फैसला किया है. मूडीज के मुताबिक, चीन नकदी से जूझ रही स्थानीय सरकारों और सरकारी कंपनियों को आर्थिक मदद दे सकता है, लेकिन इससे चीन की फिस्कल, इकोनॉमिक और इंस्टीट्यूशनल स्ट्रेंथ के लिए ब्रॉड डाउनसाइट रिस्क बढ़ गया है.

    चीनी शेयर मार्केट पर दिखने लगा असर
    रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के वित्त मंत्रालय (China Finance Ministry) ने मूडीज के इस कदम पर असहमति व्यक्त की है. वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया है किवह देश के क्रेडिट आउटलुक को डाउनग्रेड करने के रेटिंग एजेंसी के फैसले से निराश है. आउटलुक को लेकर मूडीज के फैसले का असर चीनी शेयर बाजार (China Stock Market) पर भी दिखाई दिया और बुधवार को चीन की ब्लू-चिप कंपनियों के स्टॉक 5 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए. यही नहीं चीनी करेंसी Yuan अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरा है.

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