नई दिल्ली। भारत-चीन गतिरोध (India-China standoff) के बीच चीन(China) की तरफ से ये दावा किया गया था कि चीन ने सीमा पर रोबोटिक सैनिक तैनात (China deployed robotic soldiers on the border) किए हैं. लेकिन सेना(Army) के सूत्रों से पता लगा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा line of actual control (LAC) पर तैनात भारतीय सुरक्षा बल (Indian security force) के जवानों ने सीमा पर बंदूकों से लैस किसी भी रोबोटिक सैनिक को अब तक नहीं देखा है.
सूत्रों का कहना है कि अगर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People’s Liberation Army) ऐसे सैनिकों की तैनाती करती है, तो इससे उनकी असल सेना कड़कड़ाती ठंड से बच जाएगी. सूत्रों ने कहा, ‘हमने अभी तक सीमाओं पर कोई रोबोटिक सैनिक(robotic soldiers) नहीं देखा है, लेकिन अगर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ऐसा कुछ करती है, तो ये उनके लिए अच्छा ही होगा, क्योंकि उनके सैनिकों को वास्तव में कड़कड़ाती ठंड से खुद को बचाने की जरूरत है. क्योंकि उनके लिए इतनी ठंड में खुद को बचाए रखना मुश्किल हो रहा है.’ अपने विस्तारवादी आक्रामक रणनीति के चलते, चीनी सरकार ने दो सालों में, भारत में करीब 50,000 सैनिकों को तैनात किया है. ज़्यादा ऊंचाई पर जलवायु परिस्थितियों की वजह से, चीनी सेना को अपने करीब 90 प्रतिशत सैनिकों को रोटेट करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. ऐसा इसलिए, क्योंकि वे ऐसे खराब मौसम और हड्डियां गला देने वाली ठंड में ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के बाहर से रिजर्व बलों और दूसरे इलाकों से नए सैनिकों को लाया गया था. भारतीय पक्ष द्वारा प्रमाणित किया गया था कि पिछले साल चीनी सेना ठंड से गंभीर रूप से प्रभावित हुई थी और सर्दियों के मौसम में उन्हें कई चोटों का सामना करना पड़ा था. भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे व्यक्तिगत रूप से स्थिति का आकलन करने और जमीन पर बलों को आदेश जारी करने के लिए लद्दाख सेक्टर का दौरा कर रहे हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल स्थिति से निपटने के लिए बलों को इनपुट देने के साथ-साथ, चीन के साथ सैन्य वार्ता के दौरान बलों को मार्गदर्शन देने के लिए चीन अध्ययन समूह की बैठकों में भी सक्रिय रहे हैं.