मेट्रो के लिए 12 हजार पेड़ काटना न पड़े इसलिए एयरपोर्ट पार्किंग की जमीन का होगा इस्तेमाल, पटरियां बिछाने की तैयारियां भी तेज
इंदौर। मेट्रो प्रोजेक्ट (metro project) के प्रायोरिटी कॉरिडोर (priority corridor) पर तेज गति से काम इन दिनों चल रहा है। पिछले दिनों रायगढ़ से जो पटरियां इंदौर पहुंची थी उनको बिछाने की तैयारियां भी अंतिम चरण में है। डिपो में गिट्टियां बिछाकर ट्रैक भी लगभग तैयार हो गया है। पटरियों की वेल्टिंग भी सफलतापूर्वक चल रही है। वहीं लगभग 40 हजार टन वजनी पाई गर्डर और आई गर्डरों को उठाने के लिए विशाल भारी क्रेनें लगाई गई हैं, जो चाइना से ठेकेदार ने बुलवाई है। दूसरी तरफ वन विभाग की जमीन पर लगभग 12 हजार पेड़ हैं और उन्हें काटना न पड़े इसलिए एयरपोर्ट अथॉरिटी (airport authority) ने अपनी पार्किंग की जमीन उपलब्ध कराने पर सहमति दे दी है।
पिछले दिनों सांसद शंकर लालवानी (MP Shankar Lalwani) ने भी एयरपोर्ट अथॉरिटी और मेट्रो कॉर्पोरेशन के साथ चर्चा की। दरअसल मेट्रो स्टेशन से एयरपोर्ट को जोडऩे के लिए जमीन की आवश्यकता है। पास में वन विभाग की जमीन पर चूंकि 12 हजार पेड़ लगे हैं, लिहाजा उसे इस्तेमाल नहीं करने का निर्णय लिया और अब एयरपोर्ट ने अपनी पार्किंग की जमीन पर काम शुरू करने की सहमति दे दी है। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, एयरपोर्ट डायरेक्टर रवि चंद्रन, निगमायुक्त प्रतिभा पाल सहित मेट्रो रेल कार्पोरेशन के अधिकारियों ने अभी हुई मीटिंग में इस पर चर्चा भी की। लगभग डेढ़ से दो साल का समय इस कार्य में लगेगा। मेट्रो स्टेशन से एयरपोर्ट टर्मिनल को जोडऩे वाली डिजाइन को भी अंतिम रूप दिया गया। वहीं एस्केलेटर भी बनाए जाएंगे, ताकि यात्रियों को सामान के साथ अधिक चलना न पड़े। यह भी उल्लेखनीय है कि साढ़े 5 किलोमीटर के मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर का काम इन दिनों तेज चल रहा है, ताकि अगस्त-सितम्बर की तय समय सीमा में ट्रायल रन लिया जा सके। एलिवेटेड ट्रैक पर पटरियां बिछाने की भी तैयारी चल रही है। वहीं गांधी नगर की तरफ जो मेट्रो डिपो बन रहा है वहां पर भी पटरियां बिछाई जाएगी। अभी लगातार पटरियों से लदे ट्रकों की खेप भी एक के बाद एक आएगी। अभी पहली खेप पिछले दिनों जिंदल स्टील की फैक्ट्री से रवाना होकर इंदौर पहुंची। वहीं भारी-भरकम विशालकाय आई और पाई गर्डरों को लगाने के लिए चाइना की भारी-भरकम क्रेनें लगाई गई हैं।
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