बीजिंग । चीन के समुद्री सुरक्षा प्रशासन ने एक बार फिर दक्षिण सागर में युद्धाभ्यास शुरू किया है। दो दिनों तक चले इस युद्धाभ्यास के दौरान अभ्यास स्थल के आसपास समुद्री इलाकों को बंद करने की घोषणा भी प्रशासन ने की।
बतादें कि चीन ने यहां अपने नियमित अभ्यास के दौरान इस माह की शुरुआत में ताइवान के हवाई क्षेत्र में भी प्रवेश किया जिसका पूरी दुनिया में विरोध हुआ। मौजूदा अभ्यास को समुद्री क्षेत्र में फिलीपींस, वियतनाम जैसे पड़ोसी देशों पर प्रभाव जमाने का हिस्सा माना जा रहा था।
दूसरी ओर अमेरिका ने चीनी युद्धाभ्यास पर ऐतराज जताते हुए कहा है कि चीन समुद्र में अपने नियंत्रण के लिए सैन्यीकृत चौकियों का इस्तेमाल करते हुए जोर-जबरदस्ती कर रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मॉर्गन ओर्टेगस ने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग को किसी भी देश को प्रभावित न करने की उनकी प्रतिबद्धता का सम्मान करने की मांग की है। उन्होंने कहा, क्षेत्र पर चीन का कानूनी अधिकार नहीं है।
वहीं, कहना होगा कि इन देशों को दक्षिण चीन सागर में अमेरिका का समर्थन मिला हुआ है। दरअसल चीन ने दक्षिण चीन सागर में अपनी दावेदारी की पुष्टि के लिए एक काल्पनिक सीमा रेखा बना रखी है जिसे वह नाइन डैश लाइन की संज्ञा देता है। चीन का कहना है कि शताब्दियों पहले यह क्षेत्र चीनी शासकों के अधीन था। इसीलिए इन इलाकों में चीन संयुक्त राष्ट्र के कानून को भी नहीं मानता है। जबकि इन इलाकों पर फिलीपींस, मलयेशिया और वियतनाम अपना अधिकार जताते हैं। उधर चीन ने यहां स्प्रेटली और पारासेल द्वीपसमूहों पर अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं।
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