डेस्क: अमेरिका का टैरिफ वार चीन पर थमने का नाम नहीं ले रहा है, वहीं चीन भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. अब चीन पर 145 प्रतिशत का टैरिफ अमेरिका ने लगा दिया है. इन दोनों के टैरिफ गेम की वजह से पूरे दुनिया का अर्थव्यवस्था पर गहरा असर देखने को मिल रहा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका और चीन की भूमिका सिर्फ टैरिफ गेम में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में गंदगी फैलाने में भी काफी अहम है. एक नए रिसर्च के मुताबिक, 2022 में दुनिया में लगभग 268 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा प्रोड्यूस हुआ और इसमें भारत की हिस्सेदारी 3.54 प्रतिशत रही.
नेचर जर्नल में प्रकाशित एक लेख में बताया गया कि 2022 में लगभग 400 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन हुआ और इसमें भारत की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत थी. वहीं चीन और अमेरिका की इसमें 32 और 42 प्रतिशत की हिस्सेदारी रही. चीन प्लास्टिक का सबसे बड़ा उपभोक्ता रहा था, जिसने दुनिया की प्लास्टिक आपूर्ति का लगभग 20 प्रतिशत इस्तेमाल किया था.
इस साल अमेरिका ने 18 प्रतिशत, यूरोपीय संघ ने 16 प्रतिशत, भारत ने 6 प्रतिशत और जापान ने 4 प्रतिशत प्लास्टिक का इस्तेमाल किया. प्रति व्यक्ति खपत अमेरिका में सबसे ज्यादा थी. यहां 216 किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया. जापान में प्रति व्यक्ति 129 किलोग्राम और यूरोपीय संघ ने 87 किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया.
रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में दुनिया भर में लगभग 268 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा निकला था. इसमें दुनिया में सबसे ज्यादा चीन से 81.5 मिलियन टन कचरा निकला. इसके बाद अमेरिका से 40.1 मिलियन, यूरोपीय संघ से 30 मिलियन और भारत से 9.5 मिलियन कचरा उत्पन्न हुआ था. वैश्विक स्तर पर, 40 प्रतिशत प्लास्टिक कचरा लैंडफिल में चला गया, 34 प्रतिशत को जला दिया गया और केवल 9 प्रतिशत की ही रिसाइकलिंग की गई.
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