नई दिल्ली । डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) से परेशान चीन (China) अब अमेरिका (America) के सामने गिड़गिड़ाने लगा है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce of China) ने सभी सामानों पर से पूरी तरह रेसिप्रोकल टैरिफ हटाने की अपील की है। डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में लैपटॉप और स्मार्टफोन समेत कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को टैरिफ से छूट देने का फैसला किया है। एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने कहा कि अमेरिका को अपनी गलती सुधारनी चाहिए और रेसिप्रोकल टैरिफ को वापस ले लेना चाहिए। अमेरिका को एक बार फिर से आपसी सम्मान के रास्ते पर लौटने की जरूरत है।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, बाघ के गले में घंटी जिसने बांधी है वही खोल भी सकता है। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप ही इस टैरिफ वॉर को खत्म कर सकते हैं। चीन ने कहा कि अब भी चीन के कई सामान पर 145 फीसदी का टैरिफ है। शुक्रवार का चीन नने भी अमेरिका से आयात होने वाले सामान पर टैरिफ को 84 फीसदी से बढ़ाकर 125 फीसदी कर दिया है।
चीन दूसरे देशों से भी अमेरिका के टैरिफ के खिलाफ आवाज उठाने की अपील कर रहा है। उसका कहना है कि अमेरिका एकतरफा आर्थिक तानाशाही पर उतारू हो गया है। शुक्रवार को चीन ने कहा कि वह अमेरिका के खिलाफ इस ट्रेड वॉर में विजयी होगा। चीन ने कहा कि अगर अमेरिका टैरिफ का नंबर गे खेलता है तो चीन इसपर ध्यान नहीं देगा। लेकिन अगर अमेरिका डायरेक्ट चीन के हितों पर हमला करता है तो उसका जवाब देना जरूरी होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल के पहले सप्ताह में एक बड़ी शुल्क योजना का खुलासा किया था। व्हाइट हाउस ने बाद में चीन को छोड़कर ज्यादातर देशों के लिए ‘जवाबी शुल्क’ को 90 दिन के लिए रोक दिया है। वहीं चीन ने अमेरिका पर 125 प्रतिशत का जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की है।
चीन ने शुक्रवार को अमेरिकी उत्पादों पर अपने अतिरिक्त शुल्क को बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया, जो अमेरिका के 145 प्रतिशत शुल्क के जवाब में था। हालांकि, चीन ने दुनिया की दो शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के बीच बातचीत के लिए दरवाजा खुला रखा है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved