भोपाल। मध्य प्रदेश और आसपास बने वेदर सिस्टम समाप्त होने और हवा का रुख उत्तरी होने से पूरे प्रदेश में ठिठुरन बढ़ गई है। मौसम विज्ञानियों ने अगले दो दिन तक ठंड के तेवर तीखे बने रहने की संभावना जताई है। इसी क्रम में शनिवार-रविवार की दरमियानी रात सीजन की सबसे सर्द रात रही। रविवार को प्रदेश में रात का सबसे कम तापमान नौगांव में 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। प्रदेश के 13 स्थानों पर न्यूनतम तापमान 7 से 10 डिग्री के बीच रहा। उधर राजधानी में शनिवार का दिन नवंबर में दस साल का सबसे ठंडा दिन साबित हुआ। भोपाल में शनिवार को अधिकतम तापमान 25.0 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था, जो सामान्य से चार डिग्री कम रहा।
ठंड के तेवर हो सकते दो दिन में और तीखे
मौसम विज्ञान केंद्र में कार्यरत वरिष्ठ मौसम विज्ञानी जेपी विश्वकर्मा ने बताया कि शुक्रवार को उत्तरी महाराष्ट्र पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ था। दक्षिण-पूर्वी मप्र से बिहार तक एक द्रोणिका लाइन बनी हुई थी। इस वजह से वातावरण में नमी आने के कारण प्रदेश में बादल बने हुए थे। कहीं-कहीं बरसात भी हो रही थी। ये दोनों सिस्टम समाप्त हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त जम्मू-कश्मीर पर बना पश्चिमी विक्षोभ भी आगे बढ़ गया है। इससे हवा का रुख उत्तरी और उत्तर-पूर्वी हो गया है। पश्चिमी विक्षोभ के असर से उत्तर भारत के पहाड़ों में हाल ही में जबरदस्त बर्फबारी हुई है। इस वजह से वहां से आने वाली सर्द हवाओं ने पूरे प्रदेश में सिहरन बढ़ा दी है। विश्वकर्मा के मुताबिक अभी दो दिन तक हवा का रुख उत्तरी और उत्तर-पूर्वी बना रहने की संभावना है। इससे ठंड के तेवर दो दिन में और तीखे हो सकते हैं। वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान के पास बना हुआ है। इस सिस्टम के दो दिन बाद उत्तर भारत पहुंचने के आसार हैं। इसके बाद हवा का रुख बदलने से एक बार फिर बादल छाने लगेंगे और रात के तापमान में बढ़ोतरी होने लगेगी।
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