नई दिल्ली: देश में दिसंबर के पहले हफ्ते से बच्चों को कोरोना का टीका लगाए जाने की शुरुआत हो सकती है. देश में 18 साल से कम उम्र के 44 करोड़ बच्चे हैं लेकिन सबसे पहले लगभग 6 करोड़ बच्चों के वैक्सीनेशन से शुरुआत की जाएगी. जिसके लिए डीटेल प्लान तैयार किया जा रहा है. सबसे पहले ऐसे 6 करोड़ बच्चों का टीका दिया जाएगा जिन्हें कोई बड़ी बीमारी है.
इसके लिए बीमारी का सर्टिफिकेट दिखाना होगा. बच्चों की वैक्सीन के लिए जायकोव डी, कोवैक्सिन, बायोलॉजिकल ई और सीरम इंस्टिट्यूट की कोवोवैक्स कतार में है. लेकिन दिसंबर की शुरुआत में बच्चों को जायकोव डी और कोवैक्सिन लगाने की योजना है. केंद्र सरकार के मुताबिक कई देशों में बच्चों को कोरोना का टीका दिया जा रहा है जिसपर वह नजर बनाए हुए है.
बता दें फिलहाल अमेरिका, डेनमार्क, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी, इटली, स्पेन, स्वीडन, ग्रीस, फिनलैंड, पोलैण्ड, ब्रिटेन, स्विट्जरलैंड, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशनिया, ऑस्ट्रेलिया और चीन में बच्चों को टीका दिया जा रहा है. इन देशों में हो रहे वैक्सीनेशन पर केंद्र सरकार की नजर है. जिनसे बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए सुझाव भी लिए जा रहे हैं.
अमेरिका में 5-11 साल के बच्चों को दी जाएगी फाइजर वैक्सीन
बता दें अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने हाल ही में ‘फाइज़र’ के कोविड-19 रोधी टीके की बच्चों के मुताबिक तैयार खुराक 5 से 11 वर्ष के बच्चों को देने की इजाजत दी है. खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने 5 से 11 वर्ष की आयु के बच्चों को टीके की खुराक देने की अनुमति पहले ही दे दी थी. यह खुराक वयस्कों और किशोरों को दी जाने वाली खुराक की एक तिहाई है. इस फैसले के साथ ही पहली बार अमेरिका में 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कोविड-19 रोधी टीके लग पाएंगे.
वहीं चीन में भी अब तीन साल से अधिक उम्र के बच्चों को कोविड-19 के टीके लगाए जाएंगे. चीन में लगभग 76 प्रतिशत आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है और सरकार कोविड के बढ़ते मामलों पर काबू के लिए विभिन्न सख्त कदम उठा रही है. हाल के दिनों में कम से कम पांच प्रांतों में स्थानीय और प्रांतीय स्तर की सरकारों ने नोटिस जारी कर घोषणा की थी कि तीन से 11 वर्ष तक के बच्चों को टीके लगाने की आवश्यकता होगी.
सरकार ने बच्चों के टीकाकरण को लेकर कही थी ये बात
इससे पहले कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख वी. के. पॉल ने कहा था कि सरकार समग्र वैज्ञानिक औचित्य के साथ ही 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए उपलब्ध टीकों की आपूर्ति की स्थिति के आधार पर कोरोना वायरस के खिलाफ बच्चों और किशोरों के टीकाकरण पर अंतिम निर्णय लेगी.
ज़ाइडस कैडिला का स्वदेशी तौर पर विकसित ज़ाइकॉव-डी टीका पहला इंजेक्शन-मुक्त कोविड-रोधी टीका बनने को तैयार है, जिसका इस्तेमाल भारत में 12 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों के लिए किया जाएगा. इसे आपातकालीन उपयोग अधिकार (ईयूए) प्राप्त हुआ है. वहीं भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण के एक विशेषज्ञ पैनल ने कुछ शर्तों के साथ 2-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों और किशोरों के लिए भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को ईयूए देने की सिफारिश की है.
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