सीएसआर फंड से प्रशासन ने सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को दिलवाई आधुनिक सुविधाएं, प्रत्येक स्मार्ट क्लास पर खर्च हुए ढाई लाख
इंदौर। प्रशासन ने सरकारी स्कूलों (Government Schools) में पढऩे वाले बच्चों को अत्याधुनिक सुविधाएं दिलवाने के लिए 55 स्मार्ट क्लास (Smart Classes) तैयार करवाई हैं। प्रत्येक क्लास पर ढाई लाख रुपए खर्च हुए और लगभग डेढ़ करोड़ रुपए सीएसआर फंड से खर्च करवाए गए, जिसमें इन्फोसिस, स्पंदन और एसजीएस कंपनी ने राशि दी। कल कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी. ने बक्षीबाग स्थित सरकारी स्कूल में पहुंचकर स्मार्ट क्लास का उद््घाटन किया।
कलेक्टर ने बताया कि स्मार्ट क्लास बनाने के लिए युवा अनस्टापेबल का सहयोग लिया गया। इन क्लासों के बनने से सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और यहां पढऩे वाले बच्चों को अत्याधुनिक तकनीक के साथ शिक्षा मिलेगी, जिस तरह की सुविधाएं प्राइवेट स्कूलों में मिलती हैं। युवा अनस्टापेबल के निदेशक ऋषि कुमार ने बताया कि इस तरह की परिकल्पना प्रधानमंत्री की डिजिटल इंडिया के साथ-साथ पूर्व राष्ट्रपति स्व. अब्दुल कलाम की भी थी, जिसे साकार करने के लिए ये स्मार्ट कक्षाएं तैयार की जा रही हैं। यहां पर छात्रों को तार्किक सोच और उनकी जिज्ञासाओं का भी समाधान होगा और तेजी से विकसित हो रही डिजिटल दुनिया की भी जानकारी यहां पढऩे वाले छात्रों को मिलेगी। इस तरह का कदम इंदौर में शिक्षा के मामले में भी एक बड़ा और क्रांति लाने वाला साबित होगा। अभी पहले चरण में 55 सरकारी स्कूलों में 55 क्लासेस को स्मार्ट बनाया गया है। उर्दू कन्या उमावि बक्षीबाग की छात्राओं ने स्मार्ट क्लास की सौगात के लिए कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी. के साथ संस्था युवा अनस्टापेबल के प्रति आभार व्यक्त किया।
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