भोपाल। बच्चों को सेहतमंद बनाने के लिए सरकार ने नया फॉर्मूला अपनाने जा रही है, जिसके तहत अब बच्चों को मध्यान्ह भोजन में स्वादिष्ट के साथ ही पौष्टिक भोजन भी परोसा जाएगा, जिसमें बच्चों को खाने में ज्वार की रोटी, बाजरा, रागी की रोटी खिलाई जाएगी, ताकि एक तरफ भोजन में मोटे अनाज को बढ़ावा मिलेगा, तो दूसरी तरफ बच्चों को पौष्टिकता मिलेगी। अगर आपके बच्चे सरकारी स्कूल या आंगनवाड़ी में नहीं जाते हैं, तो आप भी अपने बच्चों को कभी-कभी घर में ज्वार, बाजारा और रागी की रोटियां खिलाएं, इससे उन्हें भी सभी प्रकार की रोटियां खाने की आदत होगी और उनकी सेहत भी बनी रहेगी। सरकार का ये फॉर्मूला कुपोषण दूर करने में भी फायदेमंद रहेगा। अभी आंगनवाड़ी-स्कूलों में नाश्ते में दलिया, पुलाव, मीठी लाप्सी तो खाने में दाल-चावल, रोटी-सब्जी सहित अन्य भोजन मैन्यू अनुसार परोसा जाता है। रिसर्च के अनुसार, मोटा अनाज पोषक तत्वों का भंडार है। कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य सुधार में यह कारगर होगा। मोटा अनाज भारत का पारंपरिक भोजन है। इसके वैश्विक उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 15 से 20 प्रतिशत ही है, एशिया में सबसे ज्यादा देश में इसकी खेती होती है।
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