चंडीगढ़ । शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि (Education Minister Assured that) हरियाणा में (In Haryana) अस्थाई स्कूलों के बच्चे (Children of Temporary Schools) बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे (Will be able to give Board Exams) ।
शिक्षा विभाग द्वारा बॉंड राशि न भरने वाले अस्थाई स्कूलों व उनमें पढ़ने वाले हजारों बच्चों के लिए राहत भरी खबर है। विभाग ने सशर्त इन स्कूलों के बच्चों की बोर्ड परीक्षा लेने का निर्णय लिया है। शिक्षा मंत्री के साथ प्रदेश के विभिन्न स्कूल संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक में आश्वासन दिया गया कि जो स्कूल विभाग द्वारा निर्धारित बॉंड राशि भर देगा, उसे दो वर्ष में नियम पूरे करने की छूट रहेगी। वहीं अगर जो स्कूल बॉंड राशि नहीं भरेगा, वे इस नए शैक्षणिक सत्र से एडमिशन नहीं कर पाएंगे।
हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने बताया कि इस मामले को लेकर विभिन्न स्कूल संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को चंडीगढ़ में शिक्षामंत्री कंवरपाल गुज्जर से मुलाकात की थी। इस दौरान विभाग के समस्त उच्चाधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में अस्थाई स्कूलों पर जबरदस्ती थोपी जा रही भारी भरकम गारंटी राशि की शर्त को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग को प्रमुखता के साथ उठाया गया।
उन्होंने बताया कि अस्थाई स्कूलों में पढ़ रहे हजारों बच्चे विभाग के निर्णय से सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं और उनके परीक्षा फार्म अभी तक नहीं भरे गए हैं। बैठक में यह तर्क भी दिया गया कि अगर अस्थाई स्कूलों के बच्चों के परीक्षा फार्म नहीं भरे जाने थे तो भिवानी शिक्षा बोर्ड द्वारा इन स्कूलों में एडमिशन देने की परमिशन ही नहीं दी जानी थी। ऐसे में बच्चों के भविष्य को देखते हुए स्कूलों को राहत दी जाए।
शिक्षा मंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया कि बॉंड राशि भरने वाले स्कूलों को नियम पूरा करने के लिए दो वर्ष का समय दिया जाएगा। वहीं अगर कोई स्कूल बॉंड राशि नहीं भरता है तो ऐसे स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र में एडशिन पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। वहीं इन स्कूलों में पढ रहे बच्चों की बोर्ड परीक्षा लेने के लिए मुख्यमंत्री से बात करने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल ने भी इस बात पर सहमति जताई और विश्वास दिलाया कि संबंधित स्कूल विभाग के फैसले का पालन करेंगे। इस मौके पर विभिन्न स्कूल संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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