नई दिल्ली। देश के 2000 बाल गृहों में रह रहे बच्चों को देश के जाने माने विशेषज्ञों से चिकित्सीय परामर्श मिल सकेगा। महिला व बाल विकास मंत्रालय ने इसके लिए इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स का सहयोग लिया है। इस संस्था के देश भर में 30,000 से ज्यादा डॉक्टर्स हैं जो सप्ताह में 6 दिन टेलिफोन पर सलाह देंगे।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को ट्वीट करके जानकारी दी कि सरकारी बाल देखभाल संस्थाओं (सीसीआई) में रहने वाले बच्चों को विशेषज्ञों से परामर्श मिल सकेगा। इसके लिए मंत्रालय ने इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स को साथ जोड़ा है। ट्वीट्स के माध्यम से उन्होंने बताया कि बाल संरक्षण सेवाओं के तहत मौजूदा सुविधा से अतिरिक्त यह सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
उन्होंने ट्वीट में यह भी कहा कि “केयर-टेकर्स/ चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर देश के दूरस्थ कोनों से भी बाल रोग विशेषज्ञों द्वारा इस टेलीमेडिसिन सेवा का लाभ सप्ताह में 6 दिन ले सकेंगे। 2000 से अधिक सीसीआई के हजारों बच्चे इस सेवा के माध्यम से लाभान्वित होंगे”। बता दें कि इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) के 30,000 सदस्यों का मजबूत नेटवर्क है। कमजोर बच्चों को सेवाएं देने के लिए सेंट्रल, जोनल, राज्य और शहरी स्तर पर गठित किए जा रहे हैं। हर सरकारी या सहायता प्राप्त सीसीआई में एक विशेषज्ञ होगा जो आईएपी द्वारा उपलब्ध करवाया जाएगा।
इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स और उसके सदस्यों का कमजोर बच्चों को अपनी सेवाएं देने के लिए धन्यवाद करते हुए मंत्री ने ट्वीट किया, “उनकी प्रतिबद्धता और भारत सरकार के दृढ़ प्रयास से सरकारी बाल देखभाल केंद्रों में रहने वाले बच्चों के लिए विशेषज्ञ चिकित्सा परामर्श सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर होगा।