उज्जैन। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए धारा 144 के तहत कलेक्टर आशीष सिंह ने जो प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए उसमें कक्षा पहली से 12वीं तक के निजी और सरकारी स्कूलों को बंद रखने और जुलूस, रैली, मेले सहित अन्य आयोजनों पर रोक और 250 व्यक्तियों के साथ ही आयोजनों की अनुमति सहित अन्य दिशा-निर्देश जारी किए। बच्चों को जरूर 31 जनवरी तक छुट्टी मिल गई। मगर शिक्षकों और अन्य स्टाफ को स्कूल जाना पड़ेगा, क्योंकि ऑनलाइन पढ़ाई के साथ अन्य कार्य भी रहते हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने भी इस संबंध में स्थिति स्पष्ट की है।
संक्रमित मरीजों की संख्या में रोजाना इजाफा हो रहा है, जिसके चलते क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की वीडियो कान्फ्रेंस मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने ली, जिसमें कलेक्टर सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इसमें लिए निर्णय केे बाद पहले शासन ने, फिर प्रशासन ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी ने स्पष्ट किया कि पहली से 12वीं तक के सभी सरकारी-निजी स्कूल और छात्रावासों को 31 जनवरी तक बंद किया गया है। इस दौरान छात्र-छात्राओं का तो अवकाश रहेगा, लेकिन शिक्षकों को स्कूलों में उपस्थित रहना होगा, वहीं 26 जनवरी के आयोजनों में भी स्कूली बच्चों को बुलाने पर रोक लगाई गई है। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा भिजवाए गए आदेश में कहा गया है कि कक्षा पहली से 10वीं तक के बच्चों को ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जाए। अलबत्ता गणतंत्र दिवस पर सभी स्कूल भवनों और सरकारी कार्यालयों में रोशनी की जाए। इधर कलेक्टर मनीष सिंह ने चार स्थानीय अवकाश भी घोषित किए। 22 मार्च रंगपंचमी, 26 अगस्त अहिल्या उत्सव को आधे दिन, 31 अगस्त गणेश चतुर्थी और फिर 25 अक्टूबर दीपावली के दूसरे दिन स्थानीय अवकाश रहेगा।
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