उज्जैन। नर्सरी एवं पहली कक्षा में कम उम्र में ही बच्चों को प्रवेश दिला दिया जाता था जिससे कि वह 11 वर्ष की उम्र में ही 9वीं में पहुँच जाते थे। अब इस तरह की धांधली नहीं हो पाएगी। 9वीं कक्षा में प्रवेश तब ही मिलेगा जब छात्र या छात्रा 13 वर्ष की उम्र के होंगे।
उज्जैन सहित प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों में नौवीं कक्षा में 13 साल से कम उम्र के विद्यार्थी प्रवेश नहीं ले सकेंगे। नौवीं कक्षा में प्रवेशित वर्ष में विद्यार्थी की उम्र 13 वर्ष पूर्ण होना आवश्यक है। मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल ने वर्ष 2024-25 के लिए नौवीं से 12वीं तक की प्रवेश नीति को जारी कर दिया है। नौवीं कक्षा में प्रवेश एक अप्रैल की स्थिति में 13 साल से कम उम्र में नहीं दिया जाएगा। साथ ही नर्सरी कक्षा में तीन साल से साढ़े चार वर्ष की उम्र में बच्चों को प्रवेश मिलेगा। प्रवेश के लिए उम्र की समय-सीमा को माशिमं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप तय किया है। अभी तक स्कूलों में पहली कक्षा में दिए गलत उम्र में प्रवेश नौवीं के नामांकन में परेशानी बन गया था। मप्र स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पहली में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु पाँच वर्ष की थी। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा भी हर साल जारी निर्देशों में पाँच वर्ष की न्यूतनम आयु के विद्यार्थियों को पहली कक्षा में प्रवेश देने के लिए सत्र की शुरुआत में निर्देश जारी करता था। इसके अनुसार माशिमं भी नौवीं के नामांकन में न्यूनतम आयु 13 साल (5 प्लस 8) था, लेकिन कई विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में आठवीं तक 12 वर्ष तक के थे। वर्तमान में माशिमं में नौवीं के नामांकन का कार्य चल रहा है। जिसमें 31 दिसंबर 2010 के बाद के जन्म लेने वाले विद्यार्थियों का नौवीं में नामांकन नहीं हो रहा है। इससे हजारों की संख्या में विद्यार्थियों का अभी तक नामांकन नहीं हो पाया है, जबकि नामांकन की अंतिम तिथि मंडल ने 30 सितंबर तक निर्धारित की है। वहीं नीति में 10वीं में बेस्ट आफ फाइव योजना समाप्त कर कुछ नए नियम जारी किए हैं। अभी तक मप्र स्कूल शिक्षा विभाग प्रारंभिक कक्षा के नाम पर बच्चों को तीन से पाँच साल की उम्र में आंगनवाड़ी में प्रवेश दिलाता था। इसके बाद विद्यार्थी न्यूनतम पाँच से सात साल की उम्र में पहली कक्षा में प्रवेश लेते हैं। आठवीं पास करने के बाद विद्यार्थियों की उम्र 13 साल होना चाहिए, लेकिन राज्य शिक्षा केंद्र ने पहली में न्यूनतम आयु पाँच वर्ष से कम उम्र के विद्यार्थियों के प्रवेश भी ले लिए। इससे आठवीं तक निरंतर पढ़ते हुए इस साल हजारों विद्यार्थियों की उम्र 12 साल के आसपास रहती थी।
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