- उज्जैन जिले की आंगनबाडिय़ों में बच्चों को दिया जा रहा है खराब और गुणवत्ताविहीन खाना
- बच्चों को पौष्टिक भोजन देने के लिए सरकार ने कई योजनाएँ चलाई लेकिन कमीशनखोरी के कारण नहीं मिलता अच्छा खाना
उज्जैन। मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन सहित प्रदेश के आंगनबाडिय़ों में बच्चों को पोषण आहार देने के लिए मोटे अनाज को महत्व देते हुए हर शहर के प्रसिद्ध व्यंजन को भी परोसने की बात कही थी लेकिन उज्जैन जिले के आंगनबाडिय़ों में इन दिनों बच्चों को बेहद ही गुणवत्ताहीन खाना परोसा जा रहा है।
उज्जैन जिले की कई ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाडिय़ों में बनने वाला भोजन और पौष्टिक आहार इन दोनों बच्चों को बेहद घटिया दर्जे का परोसा जा रहा है। बासी रोटी और खराब सब्जी-दाल खाकर कई बच्चों के पेट भी खराब हो रहे हैं। उज्जैन जिले के तराना में आंगनबाड़ी कार्यालयों में मिलने वाला मध्यान भोजन की गुणवत्ता बेहद खराब है जिसको लेकर वार्ड क्रमांक 15 के रहवासियों विरोध कर शिकायत की है। वार्ड 15 निवासी मुरली निगम ने बताया कि आंगनवाड़ी में मिलने वाला भोजन की गुणवत्ता सही न होने से बच्चे भोजन नहीं करते हैं। इस खाने को खाने के बाद कई बच्चों के पेट भी खराब हो चुके हैं। आंगनबाड़ी में बनने वाला भोजन रोज बचता है और उसे फिर बाद में पशुओं को डाला जाता है। स्थानीय लोगों ने आंगनबाड़ी में मिलने वाले खराब भोजन की शिकायत तराना महिला बाल विकास अधिकारी शबाना खान को की है। लोगों ने बताया कि सरकार की तरफ से आंगनबाड़ी में बच्चों के लिए पर्याप्त भोजन के लिए राशि दी जाती है लेकिन कमीशन खोरी के कारण बच्चों को खराब और बासा खाना दिया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि अगर शीघ्र ही सुनवाई नहीं हुई तो इस संबंध में उज्जैन कलेक्टर को भी शिकायत की जाएगी। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को सप्ताह में एक या दो दिन मोटे अनाज से बनी चीजें देने की योजना बनाई गई है। साथ ही हर अंचल में वहाँ की प्रसिद्ध और बच्चों के लिए रुचिकर चीजें दी जाएँगी। सरकार मोटे अनाज के उत्पादन और उपभोग को बढ़ावा दे रही है। इसका, बड़ा कारण इनमें प्रचुर मात्रा में उपलब्ध पोषक तत्व हैं। इस कारण पोषण आहार में बदलाव की तैयारी है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जिस प्रकार का भोजन दिया जा रहा है उससे बच्चे और बीमार हो रहे हैं।