उज्जैन। जिला अस्पताल की कैंसर यूनिट में लगातार मरीज आ रहे हैं। यह आंकड़ा अब 5 हजार के पार पहुँच गया है। पिछले 6 साल से यह यूनिट पुराने प्रसूतिगृह भवन में संचालित हो रही है। यूनिट में सिर्फ वयस्क लोगों का ही उपचार हो पा रहा है। बाल मरीजों को संसाधनों के अभाव में उपचार से इंकार करना पड़ रहा है। सिंहस्थ 2016 के दौरान सख्याराजे प्रसूतिगृह नवनिर्मित 7 मंजिला चरक अस्पताल में शिफ्ट हुआ था। इसी के साथ रिक्त हुए प्रसूतिगृह में जिला अस्पताल में कैंसर यूनिट शुरु की थी। यहाँ तभी से यहाँ कैंसर मरीजों का सुबह आओ शाम को घर जाओ की तर्ज पर उपचार किया जा रहा है। स्पेशलिस्ट चिकित्सकों के साथ-साथ कैंसर यूनिट में उपचार के अत्याधुनिक साधन और जाँच मशीनों की भी व्यवस्था इतने सालों में नहीं हो पाई है।
जाँच की व्यवस्था भी नहीं
डॉ. त्रिपाठी के अनुसार अभी तक कैंसर यूनिट में रजिस्टर्ड मरीजों की संख्या बढ़कर 5 हजार 200 तक पहुँच गई है। इनमें 1497 मरीजों को कीमौथैरेपी दी जा रही है, जबकि 250 मरीज पैलेटिव केयर अर्थात गंभीर अवस्था के हैं, उनका भी ईलाज किया जा रहा है। कैंसर यूनिट में मरीजों को 29 तरह की दवाएँ नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। इसका अलग से कोई बजट नहीं है। दवाओं की मांग सिविल सर्जन कार्यालय के जरिये शासन से की जाती है और अस्पताल की अन्य दवाओं के साथ ही यह दवाएँ कैंसर यूनिट तक पहुँचती है। उन्होंने यह भी कहा कि कैंसर के उपचार में सीटी स्कैन मशीन से जाँच की आवश्यकता करीब-करीब सभी मरीजों को होती है लेकिन यहाँ यह सुविधा नहीं होने के कारण उन्हें निजी जाँच केन्द्रों पर जाकर इसका महंगा खर्च उठाना पड़ रहा है।
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