भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि मप्र में होने वाली सरकारी भर्तियों में सिर्फ मप्र के छात्रों को ही लिया जाएगा। विधानसभा उपचुनाव से पहले मुख्यमंत्री का यह दूसरा बड़ा मास्टरस्ट्रोक है। इससे पहले वे ग्वालियर-चंबल की तस्वीर और तकदीर बदलने के लिए बनने जा रहे चंबल एक्सप्रेस-वेे का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी के नाम पर करने का ऐलान करके पहला मास्टरस्ट्रोक मार चुके हैं।
मुख्यमंत्री का लोकल को वोकल बनाने और आत्मनिर्भर मप्र को लेकर बड़ा कदम माना जा रहा है। हालांकि विपक्षी इसे मुख्यमंत्री की चुनावी घोषणा बताने में जुट गए हैं।
मुख्यमंत्री ने 15 अगस्त पर प्रदेश के नाम संबोधन में जो घोषणाएं की थी, उनको अमलीजामा पहनाने को लेकर बुलाई गई समीक्षा बैठक में कहा कि मध्यप्रदेश में शासकीय सेवाओं में प्रदेश के ही विद्यार्थियों को लिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक वैधानिक प्रावधान किए जाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस 2020 पर की गई व्यापक जनहित की घोषणाओं, आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए रोडमेप और उसके अमल के साथ ही उन योजनाओं को जमीन पर उतारने के पूरे प्रयास किए जाएं, जिनका क्रियान्वयन गत वर्ष गंभीरता से नहीं किया गया। विभिन्न कार्यों के लिए शिलान्यास और लोकार्पण भी भौतिक रूप से और जहां कोरोना का प्रभाव है वहां तकनीक के माध्यम से संपन्न किए जाएं। सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सावधानियों का पालन करते हुए इनमें विभिन्न मंत्री सम्मिलित होंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं भी लोकार्पण कार्यक्रमों में जाएंगे। कोरोना पर नियंत्रण की दृष्टि से स्थितियां सामान्य होते ही ये कार्यक्रम आयोजित होंगे।
मंत्री बांटेंगे खाद्यान्न
मुख्यमंत्री ने एक सितम्बर से मंत्रियों के हाथ से खाद्यन्न वितरण अभियान के अंतर्गत कार्यक्रम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी तैयारियां प्रारंभ की जाएं। कलेक्टर्स को भी इसी सप्ताह वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा निर्देश दिए जा रहे हैं।
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