बेंगलुरु । कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार (Karnataka Deputy CM DK Shivakumar) ने कहा कि चार राज्यों के मुख्यमंत्री (Chief Ministers of four states) नीति आयोग की बैठक (NITI Aayog Meeting) का बहिष्कार करेंगे (Will Boycott) । कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक के बहिष्कार का ऐलान किया है। उन्होंने ये निर्णय बजट में अन्य राज्यों के साथ हुए भेदभाव को लेकर लिया है।
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने केंद्र सरकार के बजट और नीति आयोग की बैठक पर सवाल उठाए। डीके शिवकुमार ने कहा, “अब नीति आयोग कहां है। केंद्रीय बजट में कर्नाटक को कुछ भी नहीं मिला, हमें सिर्फ निराशा मिली। इसी कारण हमारे नेताओं ने नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है।”
डिप्टी सीएम शिवकुमार ने ग्रेटर बेंगलुरु गवर्नेंस बिल पर भी बात की। उन्होंने कहा, “भाजपा इस फैसले का राजनीति कर रही है। मैंने इस बिल को पेश किया है। इसे सक्षम और मजबूत बनाना हमारी जिम्मेदारी है। वह इस पर चर्चा करें, हम बेंगलुरु में अच्छा शासन चाहते हैं। बेंगलुरु बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है और यहां की आबादी 1 करोड़ 40 लाख है। मैं सभी बुनियादी और वित्तीय ढांचे की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सभी को एक साथ लेकर चलना चाहता हूं।” उन्होंने आगे कहा, “इस समय बेंगलुरु को सर्वश्रेष्ठ विकास देने की जरूरत है। हमारे पास इच्छाशक्ति है, लेकिन फिर भी हम सभी लोगों की सलाह लेंगे। मैं जल्दबाजी में ऐसा नहीं करना चाहता। मैं सभी पक्षों से चर्चा करूंगा और उनकी सलाह लूंगा।”
इससे पहले कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार के आम बजट को देश के लिए विभाजनकारी और खतरनाक बताया था। उन्होंने कहा कि यह बजट संघीय ढांचे और निष्पक्षता के खिलाफ है। तमिलनाडु के सीएम और कांग्रेस शासित राज्यों के तीनों मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी आम बजट पर सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि बजट में तमिलनाडु को सबसे बड़ा विश्वासघात झेलना पड़ा है। राज्य सरकार लगातार केंद्रीय निधियों के उचित हिस्से की मांग कर रही है, लेकिन इस बजट ने एक बार फिर हमारी सारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया है।
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