कांग्रेस ने पूछे सवाल… होगा बवाल…
इंदौर। आंगनवाडिय़ों के लिए खिलौने जुटाने के लिए सडक़ों पर निकले मुख्यमंत्री (Chief Minister) की मुहिम पर प्रतिपक्ष नेता गोविंद सिंह (Leader of Opposition Govind Singh) ने सवाल दागा है कि आखिर ऐसी क्या परिस्थितियां आई कि मुख्यमंत्री (Chief Minister) को ठेला लेकर सडक़ों पर निकलना पड़ा। इधर विभाग के ही अधिकारियों को जानकारी ही नहीं है कि बंद किए बोरों में किस तरह के खिलौने या क्या सामान हैं।
विधानसभा के मानसून सत्र के लिए नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने सचिवालय को दिए पत्र में कहा है कि 40 ट्रक खिलौना और 8 करोड़ रुपए का बंटवारा कैसे किया जाएगा, कितनी राशि सामान खिलौने किस-किस संस्था और लोगों से मिले हैं ओर किन-किन आंगनवाडिय़ों में कितना कितना वितरण होगा
ये पूछे सवाल
1. प्री स्कूल प्लानिंग एंड लर्निंग आइटम और आदर्श आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए खिलौना क्रय किए जाने में 2020-2021 और 2021-2022 में कितनी कितनी राशि स्वीकृत हुई ।
2. क्या मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम को इसके लिए अधिकृत किया गया था। यदि हां तो निगम ने लर्निंग आइटम एवं खिलौने की खरीदी किस-किस फर्म संस्था से की और किसे कितना भुगतान किया और कितना बाकी है।
3. विपक्ष ने जवाब मांगा है कि संस्था पर संचालकों के नाम पता एवं सामग्री का नाम सहित पूर्ण विवरण दिया जाए।
विभागीय अधिकारियों की मिली भगत
विपक्ष ने यह भी मुद्दा उठाया है कि आंगनवाड़ी केंद्रों हेतु होने वाली खरीदी में व्यापक अनियमितता एवं गड़बड़ी हुई हैं, जिससे केंद्रों में कमी हो गई और प्रदेश के मुख्यमंत्री को लेकर सडक़ों पर निकलना पड़ा। क्या इसकी जांच की जाएगी और अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी या नहीं तो क्यों? ज्ञात हो कि हर आंगनवाड़ी केंद्र में खिलौनों की खरीदी के लिए बजट दिया जाता है, ताकि बच्चों को आंगनवाडिय़ों के प्रति आकर्षित किया जा सके।
कमला नेहरू स्कूल में बंद बोरों में क्या, नहीं मालूम
40 ट्रक भरकर समान को बोरों में बंद करके स्कूल के कमरों में सील बंद कर दिया गया था। नगर निगम द्वारा की गई लिस्टिंग में किन-किन खिलौने और किन-किन सामान की गिनती हुई है, यह विभाग के अधिकारियों को ही जानकारी नहीं है। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी रामनिवास बुधौलिया के अनुसार भोपाल से जानकारी चाही गई थी, जिसे बनाकर भेज दिया गया है। खिलौनों में क्या-क्या है, इसकी जानकारी नगर निगम के अधिकारियों को है, उनके द्वारा ही सामान की लिस्टिंग की गई है।
मालिक एक… फर्म अनेक… जेम से होती है खरीदी
विभाग द्वारा अब तक खिलौनों और जरूरत की अन्य सामग्री का सामान विभाग में रजिस्टर फर्म और संस्था के माध्यम से किया जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक ही मालिक ने कई फर्म बनाकर रजिस्ट्रेशन कर रखा है और विभाग भी इन पर ही भरोसा करता आया है। जिसके चलते सामान की क्वालिटी और उनके भुगतान में जमीन आसमान का अंतर सामने आता है अब राज्य सरकार ने गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जेईएम)के माध्यम से सरकारी दफ्तरों में आउटसोर्सिंग, एंबुलेंस ,एडवर्टाइजमेंट और अन्य सर्विस देने की शुरुआत को ओर बढ़ावा दिया है इसी के माध्यम से विभाग की सभी जरूरतों की खरीदी की जाती है वर्तमान में जेम पोर्टल पर 246 प्रकार की सेवाएं दी जा रही हैं। सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि इसी पोर्टल के माध्यम से खरीदी की जाए। फिर भी कई विभाग शासन के आदेश का पालन नहीं करते हैं और मनचाही फर्म से खरीददारी करते हैं।
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