लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर समाजवादी पार्टी के पिछले कार्यकल को लेकर अखिलेश यादव पर निशाना साधा। उन्होंने यादव कुनबे का नाम लिए बगैर परिवार की तुलना महाभारत के पात्रों से की। वहीं मुख्यमंत्री की टिप्पणी के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि इसके बाद जनता भाजपा सरकार को हटाने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार के चार वर्ष के कार्यकाल में प्रदेश के चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी मिली। उन्होंने नवनियुक्त अभ्यर्थियों से पूछा कि भर्ती के दौरान किसी को सिफारिश की आवश्यकता पड़ी? जवाब नहीं में आया तो मुख्यमंत्री ने फिर पूछा कि किसी अधिकारी नेता, मंत्री या उनके घर के लोग आपसे रुपये वसूलने के लिए आए हों? इसका भी जवाब नहीं में आया तो उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से पहले ऐसा होता था। कोई खानदान था जिनमें अलग-अलग भर्ती आवंटित हो जाती थी कि ये भर्ती चाचा देखेंगे, ये भर्ती भाई देखेंगे या भतीजा देखेगा। ये चाचा, काका, मामा ये महाभारत काल में सुने होंगे या फिर वर्ष 2012 से 2017 के बीच में सुने होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये महाभारत के वही पात्र हैं। इन्होंने फिर से जन्म लिया है। ये लोग जैसे महाभारत करके भारत की प्रगति को पूरी तरह बाधित किये थे उसी तरह इन लोगों ने फिर से प्रदेश के विकास को बाधित किया।
वहीं मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी पर अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि मुख्यमंत्री ना महाभारत पड़े हुए हैं और ना रामायण। भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहे जाते हैं। मुख्यमंत्री अगर भगवान श्रीराम को मानते हैं तो उनकी मर्यादा कहां है, उनकी सीमा क्या है? वह जनता को गाली देते हैं। ठोक दो, पेट में दर्द होने जैसी भाषा का प्रयोग करते हैं। विधानसभा में जिस तरह की उनकी भाषा है, क्या लोकतंत्र में मुख्यमंत्री की भाषा ऐसी होगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि उन्होंने हम लोगों के बारे में पहली बार नहीं कहा है। वह सांप-छछूंदर तक बोल चुके हैं और उसके बाद गोरखपुर का लोकसभा चुनाव उनके उम्मीदवार हार गए थे। इस बार उन्होंने विपक्ष को कौरव कहा है, तो समझ लीजिए कि जनता, किसान, नौजवान, मजदूर, छोटे दुकानदार, ठेला लगाने वाले सभी इस सरकार को हटाने के लिए तैयार है।
अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव में बड़े दलों से दूरी बनाते हुए छोटे दलों के साथ गठबंधन करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली ने जो लगातार फैसले किए हैं, चाहे वह नोटबंदी, जीएसटी, तीन नये कृषि कानून आदि हैं, इससे केवल आम जनजीवन बर्बाद हुआ है। आज किसानों के खेती की जमीन पर संकट छाया है। इस तरह का जो बड़ा बदलाव है, उसे न नौकरी मिलने वाली है और न रोजगार।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था पूरी तरह बर्बाद हो गई है। अगर ऐसी परिस्थितियां ही रहेंगी और इसी तरह के कानून लागू होंगे तो हमारा देश विश्व गुरु नहीं बनेगा। हम विश्व गुरु देशों के नीचे काम करेंगे। हम अमेरिका या दुनिया के अन्य तरक्की वाले देशों के गुलाम कहीं होते चले जा रहे हैं, ऐसी नीतियां देश के अंदर बन रही हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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