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    जातिवादी राजनीति पर मुख्यमंत्री योगी का कटाक्ष, राम और परशुराम में नहीं है कोई भेद

  • August 22, 2020

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के मानसून सत्र में शनिवार को विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। राज्य में जातिवादी राजनीति कर रहे लोगों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि राम और परशुराम में कोई भेद नहीं है। दोनों ही विष्णु के अवतार हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की बुद्धि और सोच में अंतर है, इसलिए उन्हें भगवान में भी भेद दिखाई दे रहा है।

    अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने तुलसीकृत रामचरित मानस का उद्धरण देते हुए कहा कि धनुष भंग प्रसंग में राम और परशुराम के सम्बन्धों को स्पष्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रसंग में राम कहते हैं ”राम मात्र है लघु नाम हमारा, परशुसहित बड़ नाम तुम्हारा, सब प्रकार हम तुमसन हारे, क्षमहु विप्र अपराध हमारे।” इसके बाद विष्णु के पूर्णावतार श्रीराम को पहचानकर परशुराम श्रीराम की वंदना की।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में कुछ लोग ऐसे हैं जो भगवान राम और भगवान परशुराम के सम्बंधों और महत्व को समझना नहीं चाहते और समाज को जाति के नाम पर बांटने के प्रयास में लगे रहते हैं। ऐसे लोग जातिवादी, विभाजनकारी, कुत्सित मानसिकता रखते हैं। इसी वजह से देश की खुशी के साथ खुश नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश सब देख रहा है। समय आने पर जनता जवाब भी देगी।

    योगी ने इस अवसर पर राममंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम की भी चर्चा की। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि रोम के लोग भी अब राम का नाम ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो राम का नाम लेता है, वह हनुमान जी और महर्षि वाल्मिकि की तरह सबके लिए पूज्य हो जाता है। वहीं जिसने राम के साथ द्रोह किया उसकी दुगर्ति मारीच जैसी होती है।

    मुख्यमंत्री ने सदन को यह भी बताया कि कोरोना संकट काल में जिस समय पूरी दुनिया हलाकान है, उप्र ने इस पर काफी नियंत्रण करने में सफलता पाई है। इस दौरान बगैर नाम लिए आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह पर भी उन्होंने प्रहार किया। इसके लिए उन्होंने कोरोना संक्रमण को लेकर दिल्ली और उप्र का तुलनात्मक आकड़ा प्रस्तुत किया।

    योगी ने कहा कि उप्र की आबादी 23 करोड़ से अधिक है और यहां प्रति दस लाख कोरोना के संक्रमित केस 744 हैं, जबकि यह संख्या दिल्ली में 7840 की है। इसी तरह उप्र में कोरोना से मौत की दर 1.6 प्रतिशत है, जबकि दिल्ली में मृत्यु दर 2.7 फीसदी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वाधिक आबादी होते हुए भी उप्र में उनकी सरकार ने कोरोना के संक्रमण पर काफी नियंत्रण करने में सफलता पाई है।

    मुख्यमंत्री ने इस दौरान कानून व्यवस्था के मुददे पर भी विपक्ष पर पलटवार किया। इसके लिए उन्होंने आपराधिक घटनाओं का तुलनात्मक आकड़ा भी सदन में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 के मुकाबले प्रदेश में डकैती, लूट, बलात्कार, हत्या और अन्य प्रकार के अपराधों में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा कि डकैती में 74.5 प्रतिशत, लूट में 65.29, हत्या में 26.43 और बलात्कार के मामले में 38.47 फीसदी की कमी आई है। उन्होंने बताया कि नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट भी बताती है कि डकैती के मामले में उप्र का देश में 31वां स्थान है। वहीं लूट और हत्या के मामले उप्र क्रमशः 20वें एवं 26वें स्थान पर है।

    योगी ने कहा कि प्रदेश के हर नागरिक की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है और हमारी सरकार इसका निर्वहन भी कर रही है। इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को भी गिनाया और केंद्र की मोदी सरकार की जमकर सराहना भी की।

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