उज्जैन। शहर की जनसंख्या के मान से गंभीर डेम का पानी कम पड़ता है, क्योंकि डेम से पूरे साल ही पानी की चोरी होती है और शहर में जल प्रदाय किया जाता है। शहर में प्रदाय करने के लिए नर्मदा का पानी उज्जैन लाना पड़ रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए सांसद ने कहा कि आने वाले दिनों में सेवरखेड़ी डेम की मंजूरी मुख्यमंत्री से कराई जाएगी। सांसद अनिल फिरोजिया ने बताया कि 2 अप्रैल को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान उज्जैन आ रहे हैं, उस दिन वह दो बड़ी औद्योगिक योजना का शुभारंभ करेंगे। उस दौरान सांसद, मंत्री और विधायक मिलकर सेवरखेड़ी डेम की स्वीकृति के संबंध में मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे और प्रयास किए जाएंगे कि तत्काल मंजूरी मिल जाए, जिससे डेम का कार्य शुरू हो सके। वर्तमान में शहर की पेयजल व्यवस्था गंभीर डेम से की जा रही है और उक्त डेम की जलभरण क्षमता 2250 एमसीएफटी है जो आज से करीब 20 साल पहले की जनसंख्या के मान से बनाया गया था और आज शहर की जितनी आबादी है
उस हिसाब से डेम में जमा पानी पूरे साल नहीं चल पाता क्योंकि प्रतिदिन 11 एमसीएफटी पानी शहर में प्रदाय किया जाता है, इसके लिए अलावा आसपास के किसानों पानी चोरी कर खेतों की सिंचाई की जाती है और पानी की चोरी रोकना प्रशासन के लिए असंभव सा हो गया है। 1990 में जब गंभीर डेम बना था तब शहर की जनसंख्या तीन लाख के आसपास थी और अब शहर की जनसंख्या 7 लाख के करीब हो चुकी है। ऐसे में शहर की पेयजल व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक और डैम की जरुरत महसूस हो रही है। पहले भी इसका प्रस्ताव हुआ था लेकिन बाद में ग्रामीणों के विरोध के चलते यह योजना बंद हो गई थी लेकिन अब इस डेम की बहुत जरूरत पड़ रही है और इसी को लेकर शहर के जनप्रतिनिधि सक्रिय हो गए हैं। 2 अप्रैल को गुड़ी पड़वा के अवसर पर मुख्यमंत्री से शहर के जनप्रतिनिधि मिलकर सेवर खेड़ी डेम को मंजूरी दिलाने के लिए चर्चा करेंगे।
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