देहरादून। उत्तराखंड में सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत(Chief Minister Tirath Singh Rawat) ने प्रेसवार्ता कर सबको चौंका दिया। अटकलें थीं कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत(Chief Minister Tirath Singh Rawat) प्रेसवार्ता में अपने पद से इस्तीफे का एलान कर सकते हैं। लेकिन इस दौरान उन्होंने बाकी किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर बोलने की बजाय अपनी सरकार के काम गिनाए और चले गए। माना जा रहा है कल यानी शनिवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत(Chief Minister Tirath Singh Rawat) इस्तीफे की घोषणा कर सकते हैं। दरअसल शनिवार को ही देहरादून में बीजेपी विधायक दल की बैठक (BJP legislature party meeting) आयोजित की जाएगी। सभी भाजपा विधायकों को 11 बजे तक बैठक में पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि तीरथ रावत से पहले भी चार सांसद उत्तराखंड के सीएम बन चुके हैं। इनको विधानसभा सदस्य बनने के लिए बाद में उपचुनाव लड़ना पड़ा था। इस परंपरा की शुरुआत 2002 में तत्कालीन सीएम एनडी तिवारी ने की थी।
वह नैनीताल से लोकसभा के सांसद थे। सीएम बनने के बाद उन्होंने रामनगर विधानसभा सीट से उपचुनाव जीता था। इसी तरह पौड़ी गढ़वाल से ही सांसद रह चुके भुवन चंद्र खंडूड़ी राज्य का सीएम बनने के बाद धूमाकोट से विधायक बने।
इसके बाद टिहरी से सांसद विजय बहुगुणा जब कांग्रेस की ओर से सीएम बने तो उन्होंने सितारगंज से विधानसभा का चुनाव जीता था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत जब सीएम बने तब उन्होंने धारचूला से विधानसभा का चुनाव जीता था। उनके लिए पार्टी के ही विधायक हरीश धामी ने सीट छोड़ी थी।
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