नई दिल्ली । तमिलनाडु (Tamil Nadu) में राज्यपाल आर एन रवि (Governor R N Ravi) और मुख्यमंत्री स्टालिन (chief minister stalin) के बीच का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। शनिवार को सीएम स्टालिन ने राज्यपाल की आलोचना करते हुए कहा कि वह तमिलनाडु के विकास को पचा नहीं पा रहे हैं। उन्होंने राज्य विधानसभा को संबोधित न करने का जो फैसला लिया है वह एकदम बचकाना था। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से आर एन रवि राज्यपाल बने हैं तब से राज्य विधानसभा में कुछ न कुछ विवाद हो ही रहा है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक स्टालिन ने विधानसभा में कहा कि राज्यपाल विधानसभा में आते हैं लेकिन सदन को संबोधित किए बिना ही लौट जाते हैं। इसलिए मैं कहता हूं कि उनकी हरकतें बचकानी हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री 6 जनवरी की उस घटना का जिक्र कर रहे थे, जिसमें राज्यपाल विधानसभा में राष्ट्रगान न बजाए जाने से दुखी होकर विधानसभा से चले गए थे।
विधानसभा सत्र की शुरुआत के दौरान राज्यपाल को अपना संबोधन देना होता है। लेकिन रवि ने संबोधन भी नहीं दिया। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक तमिलनाडु विधानसभा में सत्र शुरू होने से पहले तमिल गान और संबोधन के बाद राष्ट्रगान की परंपरा रही है। लेकिन राज्यपाल ने तमिलगान बजाने और राष्ट्रगान न बजाने को लेकर अपना विरोध जताया।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्यपाल रवि योजनाबद्ध तरीके से नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि राज्यपाल इस बात को नहीं पचा पा रहे हैं कि तमिलनाडु विकास कर रहा है। मैं एक सामान्य व्यक्ति हो सकता हूं, जिसका आप सम्मान न करें। लेकिन यह विधानसभा तमिलनाडु के करोड़ों लोगों की भावनाओं के कारण अस्तित्व में आई है। राज्यपाल को इसका अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है।
सीएम ने कहा कि यह सदन यह कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता कि राज्यपाल के पद पर बैठा एक व्यक्ति सदन का सम्मान न कर सके, हमारे तमिल गान का सम्मान न कर सके, यहां की जनता का सम्मान न करे। राज्यपाल को इस बात का ध्यान रखना चाहिए। उम्मीद है कि हम फिर से ऐसा होते हुए नहीं देखेंगे।
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