भोपाल। कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों की मदद को लेकर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गंभीरता दिखाई है। कोरोना से बेसहारा हुए बच्चों की मदद का फैसला किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को इस सिलसिले में योजना बनाने का निर्देश दिया है। मंत्रालय में प्रदेश के बेसहारा बच्चों की देखभाल के संबंध में बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में सीएम शिवराज (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि हमारे होते हुए प्रदेश में कोई भी बच्चा अनाथ (Orphan) नहीं रहेगा, हर बच्चा सनाथ होगा। न केवल ऐसे बच्चे जिनके मां-बाप का कोविड (Covid-19) से निधन हुआ है, बल्कि वे सभी बच्चे जो बेसहारा हैं, उनके खाने-पीने (Food), शिक्षा (Education), रहने की व्यवस्था (Shelter) सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रदेश में सभी बेसहारा बच्चों की देखभाल सुनिश्चित करने की दिशा में एक बेहतर नई योजना बनाई जाए।
ताकि बच्चों को सहारा हो सके और उनका सर्वांगीण विकास हो सके। अनाथ बच्चों की बात करें तो प्रदेश में मार्च 2021 से आज तक की स्थिति में कुल 2457 बच्चे बेसहारा हुए हैं। इनमें से 714 बच्चों के मां-बाप नहीं हैं। 1536 बच्चों के मां-बाप में से एक नहीं है और 207 बच्चे परित्यक्त हैं। कोविड बाल उपचार योजना में 329 बच्चों को और स्पॉन्सरशिप व फौस्टर केअर योजना में 939 बच्चों को सहायता दी गई हे।
अशासकीय संस्थाओं का करें निरीक्षण
बैठक के दौरान सीएम शिवराज ने कहा कि पहला प्रयास यह किया जाए कि अनाथ बच्चों को अभिभावक मिल जाएं। जिन्हें अभिभावक नहीं मिलते हैं, उनके रहने की व्यवस्था शासकीय संस्थाओं में की जाए। सीएम ने निर्देश दिया कि जो अशासकीय संस्थाएं बेसहारा बच्चों की देखभाल करती हैं, उनके कामों का भी निरीक्षण किया जाए कि वे बच्चों की ठीक देखभाल कर रहे हैं या नहीं। और यदि वहां मदद और सुधार की जरूरत है तो उस दिशा में तत्काल कार्य किया जाए।
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