भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) को बच्चे प्रेम से मामा कहते है और वे भी बच्चों के लिए निरंतर कुछ ना कुछ करते रहते है. चौहान इन दिनों एक्शन मोड (action mode) में नजर आ रहे हैं, आज भी उन्होंने सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर ही अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके अलावा कल भी उन्होंने कलेक्टरों के साथ बैठक कर सख्ती दिखाई थी. वहीं आज उन्होंने कुपोषण को लेकर भी अधिकारियों के साथ बैठक की. जिसमें उन्होंने अहम निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ”हमारे बच्चे कुपोषित क्यों हो रहे है यह बड़ा सवाल है. हमें इसे रोकना है. सीएम शिवराज ने कहा कि मैंने बड़ा फैसला लिया है, ”मैं भोपाल में निकलने वाला हूं, आंगनबाड़ी के बच्चों के लिए खिलौने इकट्ठा करने हाथ ठेला लेकर. क्योंकि लोगों को जोड़ने का यह मेरा मिशन है. क्योंकि यह केवल आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (anganwadi worker) की ड्यूटी नहीं है कि बच्चों को कुपोषण से मुक्त कर दें, इसके लिए हम सबको जुटना होगा.”
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ”समाज में अवेयरनेस आना चाहिए, मैंने अपने क्षेत्र में किसानों से आह्वान किया कि फसल आई है, आंगनवाड़ी में कुछ गेहूं दे दो कई जगह लोगों ने आंगनवाड़ी भर दी है, किसी ने 50 किलो, किसी ने 25 किलो कोई कमी ही नहीं रही. इतना पोषण आहार आ गया. हर जिले में ऐसा ही करना चाहिए.”
सरकार और पोषण आहार एक पक्ष है, लेकिन जनभागीदारी जुटाना और लोगों के मन में यह तड़प पैदा करना कि, हमारे बच्चे कुपोषित नहीं रहेंगे, यह दूसरा पक्ष है. आंगनवाड़ी में जिन चीजों की जरूरत है, कई जगह खिलौनों की जरूरत है. मैंने तय किया है कि, मैं आज तारीख तय कर रहा हूं, मैं खुद भोपाल में हाथ ठेला लेकर निकलूंगा कि बोलूंगा बच्चों के लिए खिलोंने दो.
यह अवेयरनेस क्रिएट करके लोगों को जोड़ने का प्रयास है. इस प्रयास से सभी को जुड़ना चाहिए. बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कुपोषण को लेकर अधिकारियों को सख्ती से काम करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि कुपोषण को खत्म करने के लिए सबको मिलकर काम करना होगा. ताकि जल्द से जल्द निजात मिले.
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