भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी, उज्जैन के मुख्य वन संरक्षक अजय यादव को यहां से हटाएं। ताकि यहां के कर्मचारी खुलकर इनकी करतूतों की जानकारी जांच अधिकारियों को दे सकें। यह मांग आदिवासी कर्मचारी अधिकारी संगठन के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष डीएस चौहान ने की है। चौहान का कहना है कि अजय यादव मुख्य वन संरक्षक उज्जैन द्वारा आदिवासी कर्मचारियों को प्रताडि़त किया जा रहा है। इससे आदिवासी अंचल के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। सीएम को लिखे पत्र में चौहान ने कहा है कि आदिवासी कर्मचारियों को प्रताडि़त करने के उद्देश्य निलंबित किया गया है। खातेगांव देवास वनमंडल के खुमान सिंह सोलंकी जो इसी माह दिसंबर में रिटायर होने वाले हैं को मुख्य वन संरक्षक द्वारा दो एसडीओ की समिति बनाकर इनके खिलाफ झूठे आरोप लगाकर इन्हें आरोप पत्र दिया गया। ताकि उन्हें पेंशन न मिल सके। इतना ही नहीं, यदि कोई आरोप लगा था तो जिला स्तर के अधिकारी से अनुशंसा होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसी प्रकार खातेगांव रेंज के वनरक्षक कुलदीप सिंह शाक्य बीट गार्ड लिली को निलंबित कर उन्हें जानबूझकर मंदसौर मुख्यालय भेज दिया गया। खातेगांव के परिक्षेत्र सहायक लिली दरियाव सिंह परते वनपाल को लंबित कर इनका मुख्यालय रतलाम कर दिया।
तालाब निर्माण में घपला
उक्त कर्मचारियों की वन सुरक्षा में कोई लापरवाही नहीं पाई गई और न ही वन मंडल अधिकारी देवास द्वारा इनके विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की गई। बल्कि एसडीओ कन्नौद कैलास वर्मा के कहने पर और उनके द्वारा गलत जानकारी देने पर मुख्य संरक्षक अजय यादव द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए दो एसडीओ की टीम बनाकर यह जांच कराई गई जिसमें समिति में तालाब निर्माण कार्य में अनियमितता के झूठे आरोप लगाए गए।
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