जोशीमठ । उत्तराखंड के जोशीमठ में (In Joshimath Uttarakhand) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने हवाई सर्वेक्षण करने के बाद (After Aerial Survey) प्रभावित क्षेत्रों (Affected Areas) का जायजा भी लिया (Inspected) । प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा पानी के रिसाव से काफी घरों में दरारें आई हैं, हमारा प्रयास यही है कि सभी को सुरक्षित किया जाए, लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम किया जा रहा है। इसके कारणों का पता लगाया जा रहा है। जरूरी चीज़े भी की जा रही हैं ।
ऐतिहासिक जोशीमठ शहर भू धंसाव के चलते खतरे के मुहाने पर खड़ा होगया है। यहां दरारें इतनी बड़ी हो गयी है जो किसी बड़ी अनहोनी की आहट दे रही है। अब ये दरारें आपदा का रूप ले रही हैं, क्योंकि जमीन पर पड़ी इन बड़ी- बड़ी दरारों में अगर बारिश का पानी भरा तो बड़ी तबाही से इनकार नहीं किया जा सकता है। जोशीमठ में भू धंसाव अब विकराल हो चुका है। यहां कई घर गिरने की कगार पर पहुंच गए हैं, जबकि कई टूट भी चुके हैं। आज एक मंदिर भी ढह गया है।अच्छी बात ये रही कि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई है। खौफजदा और डरे हुए कई लोग अपने घर छोड़ चुके हैं। वहीं, प्रशासन की ओर से लोगों को नगरपालिका भवन, गुरुद्वारे और स्कूल में शिफ्ट किया जा रहा है।
जोशीमठ के सुनील वार्ड, मनोहर बाग वार्ड, गांधी वार्ड के कई मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आई हैं। साथ ही मारवाड़ी स्थित जेपी कंपनी की आवासीय कॉलोनी भी खतरे की जद में आ चुकी है। जेपी कंपनी की दीवार से पानी रिस रहा है। अगर थोड़ी सी भी बारिश हुई तो जमीन पर पड़ी बड़ी-बड़ी दरारों में पानी भरने से तबाही मच सकती है। ऐसे में स्थिति और भी भयानक हो सकती है। इसी बीच ज्योतिर्मठ के दीवारों में भी दरारें आ गई हैं।
आज हुई बैठक में सीएम धामी ने अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाने के निर्देश दिए, ताकि जोशीमठ शहर के लोगों को वहां पर शिफ्ट कराया जा सके। स्थायी पुनर्वास के लिए पीपलकोटी और गौचर समेत अन्य स्थानों पर सुरक्षित जगह तलाशने को भी कहा। इसके अलावा सीएम धामी ने जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना बनाने के निर्देश भी दिए, वहीं तत्काल डेंजर जोन को खाली करवाने को कहा, ताकि कोई अनहोनी घटना न हो सके।
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