जयपुर। देश के विभिन्न राज्यों के साथ राजस्थान (Rajsthan) में फैली कोरोना महामारी पर रिसर्च करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने देश में हेल्थ रिसर्च (health research) का बजट बढ़ाने की पैरवी (advocated) की है। मुख्यमंत्री का कहना है कि कोरोना अभी कितने समय तक रहेगा, यह नहीं कहा जा सकता। इसलिए केन्द्र सरकार से मांग है कि सरकार को हेल्थ रिसर्च का खर्च बढ़ाकर कोरोना पर व्यापक शोध करना चाहिए। यह रिसर्च ही इन सब परेशानियों का कारण एवं निवारण बता सकेगा।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा कि साधारणतया विशेषज्ञ ये बताते हैं कि कोरोना से संक्रमित होने वाले मरीजों को अचानक डायबिटीज, हृदय एवं श्वास रोग हो रहे हैं। उन्हें थकावट महसूस होती है एवं उनकी याददाश्त कमजोर हो जाती है। इसलिए यह जरूरी है कि हम सभी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर स्वयं एवं दूसरों को संक्रमित होने से बचाएं।
उन्होंने लिखा कि कोरोना की इन परेशानियों का कारण पता करने के लिए अमेरिका एक बिलियन डॉलर और ब्रिटेन 18.5 मिलियन पाउंड खर्च कर रिसर्च कर रहे हैं। भारत सरकार ने बजट में हेल्थ रिसर्च के लिए सिर्फ 2663 करोड़ की राशि ही आवंटित की है, जो वित्त वर्ष 2020-21 के रिवाइज एस्टीमेट 4062 करोड़ से 34.4 प्रतिशत कम है।
मुख्यमंत्री ने लिखा कि कोरोना अभी कितने समय तक रहेगा यह नहीं कहा जा सकता, इसलिए मेरी केन्द्र सरकार से मांग है कि सरकार को हेल्थ रिसर्च का खर्च बढ़ाकर कोरोना पर व्यापक शोध करना चाहिए। यह रिसर्च ही इन सब परेशानियों का कारण एवं निवारण बता सकेगा। गहलोत ने लिखा कि कोरोना महामारी के अनुभव को देखते हुए राजस्थान सरकार ने इस बजट में वायरस जनित बीमारियों की जांच, उपचार और रिसर्च के लिए जयपुर में इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड वॉयरोलोजी की स्थापना करने का ऐलान किया है। उम्मीद है इस संस्थान की स्थापना से भविष्य में ऐसी बीमारियों पर जल्दी काबू पाने में सहयोग मिलेगा। (एजेंसी, हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved